Home देश ‘झूठ प्रचार नड्डा’ बन गए हैं भाजपा अध्यक्ष, मनमोहन सिंह के बयान...

‘झूठ प्रचार नड्डा’ बन गए हैं भाजपा अध्यक्ष, मनमोहन सिंह के बयान को गलत तरीके से पेश किया – जयराम रमेश कांग्रेस

22
0

क्या प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री से दूरी बना रहे हैं या नीतीश फिर पलटी मारने वाले हैं – कांग्रेस

नई दिल्ली – कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के हमले पर पलटवार करते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि वह ‘झूठ प्रचार नड्डा’ बन गए हैं और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टिप्पणियों को गलत संदर्भ में पेश कर रहे हैं.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस लोकसभा चुनाव में हार सुनिश्चित देकर प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष और सत्तारूढ़ दल के नेता बौखला गए हैं और ऐसे में वे ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं.

नड्डा ने कांग्रेस पर शुक्रवार को आरोप लगाया कि वह मुसलमानों को लाभ पहुंचाने के लिए अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों को छीनना चाहती है तथा यह विपक्षी दल का छिपा हुआ एजेंडा है.
नड्डा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 2006 के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों का है.

रमेश ने एक बयान में कहा, ”भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के आरोप झूठ पर आधारित हैं. लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हवा उनको लग गई है और झूठ प्रचार नड्डा बन गए हैं.” उनका कहना है कि भाजपा अध्यक्ष ने 9 दिसंबर, 2006 को राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए भाषण को गलत तरीके से पेश किया है.

क्या प्रधानमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री से दूरी बना रहे हैं या नीतीश पलटी मारने वाले हैं

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बिहार में जनसभा की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक मंच पर आने से कतरा रहे हैं. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री से दूरी बना ली है या फिर नीतीश एक बार फिर पलटी मारने वाले हैं? रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी की अररिया की सभा का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ” ”भाजपा के नए-पुराने सहयोगी नीतीश कुमार आज अररिया में प्रधानमंत्री की रैली में नहीं हैं. वह 16 अप्रैल को गया और पूर्णिया में भी प्रधानमंत्री की दोनों रैलियों में नहीं थे. जब कांग्रेस और राजद के अनुरोध पर नीतीश कुमार की सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में बिहार के जाति आधारित सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किए, तो प्रधानमंत्री मोदी ने उन पर ”देश को जाति के नाम पर विभाजित करने” का आरोप लगाया था.”

रमेश ने सवाल किया, ”क्या प्रधानमंत्री अपने ही गठबंधन के बिहार के मुख्यमंत्री के साथ आने से कतरा रहे हैं, ताकि वह जाति आधारित सर्वेक्षण से ख.ुद को दूर रख सकें? क्या नीतीश कुमार वापिस पलटी मारने वाले है?” उनके मुताबिक, बिहार के युवाओं ने लगातार मोदी सरकार की ग.लत सोच वाली अग्निपथ योजना का विरोध किया है.

केंद्र सरकार बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी को रोकने में विफल क्यों रही 

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पश्चिम बंगाल के मालदा में होने जा रही जनसभा से पहले, शुक्रवार को राज्य से संबंधित कुछ विषय उठाए और सवाल किया कि प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली सरकार बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी को रोकने में विफल क्यों साबित हुई ? प्रधानमंत्री मोदी आज मालदा में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “पश्चिम बंगाल में मालदा के दौरे पर प्रधानमंत्री के लिए प्रश्न : प्रधानमंत्री ने मालदा में नदी का कटाव रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं किया? मालदा हवाई अड्डे के बारे में क्या कहेंगे ? प्रधानमंत्री ने मवेशियों की अवैध तस्करी रोकने के लिए क्या किया है?” उन्होंने दावा किया कि हर साल मालदा जिले के हजारों परिवार गंगा और फुलाहार नदियों के भूमि कटाव के कारण भयावह बाढ़ का सामना करते हैं.

वीवीपैट के अधिक उपयोग पर हमारा राजनीतिक अभियान जारी रहेगा

कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) से संबंधित जिन याचिकाओं को खारिज किया है उनमें वह किसी भी तरह से पक्ष नहीं थी और वह चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए वीवीपैट के अधिक से अधिक उपयोग पर राजनीतिक अभियान जारी रखेगी.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”वीवीपैट पर जिन याचिकाओं को आज उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया, उनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक पक्ष नहीं थी. हमने दो न्यायाधीशों की पीठ के फैसले पर विचार किया है और चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए वीवीपैट के अधिक से अधिक उपयोग पर हमारा राजनीतिक अभियान जारी रहेगा.”