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हिड़मा के गढ़ में नहीं पड़ी लोकतंत्र के महापर्व में आहूति, कड़ी सुरक्षा के बाद भी वोटिंग बूथ सूना

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छत्तीसगढ़ के बस्तर में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है.बावजूद इसके एक क्षेत्र ऐसा भी है जहां महापर्व के आहुति में किसी भी ग्रामीण ने हिस्सा नहीं लिया. ईटीवी भारत ने इस गांव का दौरा किया और अपने कैमरे में कैद किया इस गांव का हाल.

सुकमा – छत्तीसगढ़ के बस्तर में लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो रहा है. लोकसभा चुनाव के महापर्व में बस्तर के हर जिले में मतदान हो रहा है.लेकिन इस महापर्व में एक गांव ऐसा भी है, जहां पर मतदान के नाम से ग्रामीणों ने दूरी बना ली है.इस गांव का नाम है पूवर्ती गांव.जो नक्सली कमांडर हिड़मा का पैतृक गांव है.हाल ही में इस क्षेत्र में सुरक्षाबल के जवानों ने कैंप खोला है. चुनाव के दौरान ईटीवी भारत की टीम ने हिड़मा के गांव का दौरा किया.जहां से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है.

हिड़मा के गांव में वोटिंग नहीं

ईटीवी भारत हमने देखा कि हिड़मा के गांव में पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ था. गांव में एक भी ग्रामीण मौजूद नही था. सभी घरों में ताला लगा था. पूवर्ती अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से पूवर्ती के पोलिंग बूथ को सिलगेर में शिफ्ट किया गया है. जब बूथ के मतदान कर्मियों से हमने बात की. तब मतदानकर्मियों ने बताया कि 1 बजे तक पूवर्ती इलाके से कोई भी मतदाता मतदान करने केंद्र नहीं पहुंचा.

पूवर्ती पोलिंग बूथ के अंतर्गत तीन गांव आते हैं. इनमें खुद पूवर्ती, टेकलगुडेम और जोनागुड़ा शामिल हैं. इस बूथ में कुल मतदाता की संख्या 547 है. जिसमें पुरुषों की संख्या 353 और महिलाओं की संख्या 294 है. इसके बावजूद भी एक भी वोट बूथ में नहीं पड़ा है. इस इलाके में जगह-जगह नक्सलियों के बैनर पोस्टर लगे हैं. इन बैनरों में नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार की बात कही है. इस गांव में हिड़मा का खौफ इतना है कि कड़ी सुरक्षा के बीच भी किसी भी ग्रामीण ने वोट नहीं डाला.