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काशी में रंगभरी एकादशी LIVE; बाबा विश्वनाथ माता पार्वती का गौना कराने निकले, भीड़ हुई बेकाबू

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वाराणसी – आज रंगभरी एकादशी का पर्व है. काशी में इस पर्व की धूम दिखाई दे रही है. हर तरफ रंग उत्सव की तैयारी चल रही है. बाबा विश्वनाथ माता पार्वती के गौने के उत्सव रंगभरी एकादशी को लेकर काशी में गजब का उत्साह. रंग से सराबोर हैं काशीवासी. बाबा विश्वनाथ माता पार्वती संग दे रहे दर्शन. भक्तों को दर्शन देने के लिए महंत आवास में विराजे भोलेनाथ तो माता पार्वती की गोद में गणेश रंग अबीर अर्पित कर भक्त दर्शन पूजन कर रहे हैं.

धर्मानगरी वाराणसी में आज होली से पहले रंगभरी एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है. कुलपति तिवारी की आवास जिसे गौरा सदनिका के रूप में परिवर्तित किया गया है. वहां भोलेनाथ और माता पार्वती भगवान गणेश दर्शन दे रहे हैं. यह सिलसिला शाम लगभग 5:00 बजे तक चलता रहा. शाम को भगवान भोलेनाथ की रजत पालकी निकाली गई, जो अलग-अलग रास्तों से होते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची. भक्तों की जबरदस्त भीड़ इस दर्शन के लिए काशी के गलियों में उमड़ी हुई है. बाबा विश्वनाथ माता गौरी को गुलाल अर्पित करने की परंपरा निभाई जा रही है. इसके पहले बाबा विश्वनाथ मंदिर में भी जबरदस्त भीड़भाड़ के भी सुबह पालकी को मंदिर परिसर में घुमाया गया है और सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई है

चिता भस्म होली में कौन-कौन होता है शामिल

मान्यता है कि चिता भस्म की होली में भूत, पिशाच, साकनी, डाकिनी, चुड़ैल प्रेत अदृश्य आत्माएं और शक्तियां शामिल होती हैं. घर परिवार को लोग भी इसमें शामिल होते हैं. बाबा मसाननाथ की पूजा करने के बाद यह होली की परंपरा शुरू होती है.

काशी की चिता भस्म होली में भीड़ हुई बेकाबू

काशी में रंगभरी एकादशी की शोभायात्रा में शामिल भीड़ बेकाबू हो गई. पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा.

चिता भस्म मसान की होली की क्या है परंपरा

चिता भस्म मसान की होली काफी पुरानी परंपरा है. मान्यता यह है कि आज रंगभरी एकादशी के दिन बाबा मां का गौना कराकर लाते हैं और काशी वासियों के साथ भगवान और देवी देवताओं के साथ जमकर रंग गुलाल अबीर फूलों की होली खेलते हैं. इसके बाद उनके दूसरे गण नाराज हो जाते हैं, जिनके लिए भगवान स्वयं माहा शमशान पहुंचकर चिता भस्म की होली खेलते हैं

काशी में जलती चिताओं के बीच खेली गई मसाने की होली

धर्म और अध्यात की नगरी काशी में आज केदारखंड स्थित माहाशमशान हरिश्चंद्र घाट पर अलग ही नजारा देखने को मिला. हजारों की संख्या में लोग जलती चिताओं के बीच चिता भस्म की होली खेलते नजर आए. हर कोई एक दूसरे को जमकर चिता भस्म लगता नजर आया और होली के रंग में दिखा. बाबा कीनाराम की तपोस्थली से हरिशचंद्र घाट तक शोभायात्रा निकाली गई जिसमें विभिन्न प्रकार की झांकियां और औघड़ शामिल हुए नरमुंड की माला पहनकर औघड़ भी माहाश्मशान पहुंचे और होली खेलने लगे.

मंदिर परिसर में धूमधाम से निकली मां गौरा की शोभायात्रा

रंगभरी एकादशी पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा महादेव एवं मां गौरा की शोभायात्रा मंदिर परिसर में धूमधाम से समारोह पूर्वक निकाली गई. अपराह्न 3 बजे से शयन आरती तक पद्म श्री सुश्री सोमा घोष सहित अन्य ख्यातिलब्ध प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा शिवार्चनम सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुतियां दी जाएंगी

काशी में रंगों के पर्व को लेकर इस लोकगीत के जरिए समझिए रंग उत्सव का मिजाज

वाराणसी: आज रंगभरी एकादशी का पर्व है. काशी में इस पर्व की धूम दिखाई दे रही है. हर तरफ रंग उत्सव की तैयारी चल रही है. बाबा विश्वनाथ माता पार्वती के गौने के उत्सव रंगभरी एकादशी को लेकर काशी में गजब का उत्साह. रंग से सराबोर हैं काशीवासी. बाबा विश्वनाथ माता पार्वती संग दे रहे दर्शन. भक्तों को दर्शन देने के लिए महंत आवास में विराजे भोलेनाथ तो माता पार्वती की गोद में गणेश रंग अबीर अर्पित कर भक्त दर्शन पूजन कर रहे हैं.