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“मेरे पास 4-5 कुर्ते पायजामे के सिवा नहीं मिलेगा कुछ”, CBI रेड पर बोले सत्यापाल मलिक

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 पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर आज यानी 22 फरवरी को CBI ने छापेमारी कर रही है. CBI की टीम पूर्व गवर्नर के घर समेत 30 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. 

जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर आज यानी 22 फरवरी को CBI ने छापेमारी कर रही है. CBI की टीम पूर्व गवर्नर के घर समेत 30 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. इस बीच पूर्व गवर्नर ने बड़ा बयान दिया है. मलिक ने सोशल मीडिया साइट पर एक्स पर लिखा, “मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से नहीं घबराऊंगा.”

मैंने भ्रष्टाचार में शामिल जिन व्यक्तियों की शिकायत की थी की उन व्यक्तियों की जांच ना करके मेरे आवास पर CBI द्वारा छापेमारी की गई है। मेरे पास 4-5 कुर्ते पायजामे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा। तानाशाह सरकारी एजेंसियों का ग़लत दुरुपयोग करके मुझे डराने की कोशिश कर रहा है। मैं किसान का बेटा हूं, ना में डरूंगा, ना झुकूंगा- सत्यपाल मलिक (पूर्व गवर्नर)

सत्यपाल मलिक ने क्या कहा?
उन्होंने आगे लिखा, “पिछले 3 से 4 दिनों से मैं बीमार हूं और हॉस्पिटल में भर्ती हूं. इसके बावजूद मेरे घर में छापे डलवाएं जा रहे हैं. मेरे पास 4 से 5 कुर्ते, पायजामे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा और मेरे ड्राईवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है. मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से नहीं घबराऊंगा. मैं किसानों के साथ हूं.”

मैं किसान का बेटा हूं- सत्यपाल मलिक
उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैंने भ्रष्टाचार में शामिल जिन व्यक्तियों की शिकायत की थी, उन व्यक्तियों की जांच न करके मेरे आवास पर CBI के जरिए छापेमारी की गई है. मेरे पास 4 से 5 कुर्ते पायजामे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा. तानाशाह सरकारी एजेंसियों का गलत दुरुपयोग करके मुझे डराने की कोशिश कर रहा है. मैं किसान का बेटा हूं, ना मैं डरूंगा, ना झुकूंगा.”

इस मामले में हो रही है छापेमारी
पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के मौजूदा राज्यपाल थे. इस दौरान उन्होंने इल्जाम लगया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. जिसके बाद CBI ने साल 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों का लगभग 2,200 करोड़ रुपये का ठेका एक निजी कंपनी को देने में भष्ट्राचार के इल्जाम में मामला दर्ज किया गया था.