अंबिकापुर – नगर के मणीपुर थाना से महज 50 मीटर दूरी पर मंगलवार को दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने जोरदार टक्कर हो गई। इस घटना में पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें स्थानीय लोगों व पुलिस की मदद से मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के कुछ ही देर बाद दो युवकों की मौत हो गई। वहीं तीन गंभीर रूप से घायल नाबालिग किशोरों का उपचार चल रहा है। मरने वाले दोनों युवक एक ही मोटरसाइकिल पर सवार थे, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। दूसरी मोटरसाइकिल में सवार सभी तीनों नाबालिग हैं जो सघन यातायात के बीच काफी तेज गति से वाहन चला रहे थे, जिसके चलते यह हादसा हुआ।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की दोपहर अंबिकापुर-बिलासपुर मार्ग में मणिपुर थाना से महज कुछ दूरी पर यह भीषण सड़क हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि अंबिकापुर से लखनपुर की ओर जा रही मोटरसाइकिल में तीन नाबालिग युवक सवार थे एवं लखनपुर की ओर से अंबिकापुर की तरफ आ रही मोटरसाइकिल में दो युवक सवार थे। जैसे ही दोनों मणिपुर थाने से कुछ दूर पर पहुंचे दोनों की मोटरसाइकिल में आमने-सामने जबरदस्त भिड़ंत हो गई।
इस घटना में दोनों मोटरसाइकिल पर सवार पांचों युवक सड़क पर इधर-उधर गिर गए। आसपास के लोगों के द्वारा एवं मणिपुर पुलिस टीम की मदद से सभी घायलों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में ले जाया गया, जहां लखनपुर की ओर से अंबिकापुर की तरफ आ रही मोटरसाइकिल पर सवार दोनों युवकों की मौत हो गई।
वहीं अंबिकापुर से लखनपुर की ओर जा रहे मोटरसाइकिल सवार तीनों नाबालिग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें एक की हालत अति गंभीर बताई जा रही है। सभी का उपचार जारी है। इस हादसे में दोनों मृतकों की समाचार लिखे जाने तक पहचान नहीं हो पाई थी। पुलिस की ओर से इन दोनों की उम्र 32 से 45 वर्ष के बीच बताई गई। पुलिस उनके परिजनों की जानकारी करने में जुट गई। जो नाबालिग किशोर घायल हुए हैं वह अंबिकापुर नगर के घुटरापारा निवासी आकाश जायसवाल, चांदनी चौक निवासी जय कृष्ण आर्य, मायापुर निवासी मोहित गुप्ता हैं, इन सभी का उपचार जारी है।
पुलिस की कोशिश का परिजनों पर नहीं पड़ रहा असर
इधर सड़क सुरक्षा सप्ताह के समापन हुए कुछ ही दिन बीते थे कि अंबिकापुर नगर में स्कूली बच्चों का स्टंट करने का वीडियो वायरल हो गया, इसके बाद पुलिस ने मामले मे कार्रवाई भी की। उसके बाद मंगलवार को तेज गति से वाहन चलाना दो युवकों की मौत का कारण बन गया। पुलिस के लाख समझने के बाद भी परिजन अपने नाबालिक बच्चों को वाहन थमा देते हैं, जिसका उन्हें ही खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।