बिहार में सियासी हलचल के बीच मांझी से मिलने पहुंचे माले विधायक, फ्लोर टेस्ट से पहले पाला बदलेंगे?
PATNA: बड़ी खबर बिहार के सियासी गलियारे से निकलकर सामने आ रही है, जहां तमाम तरह के सियासी कयासों के बीच बलरामपुर से माले विधायक महबूब आलम और सीवान के दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम जीतन राम मांझी से मुलाकात करने पहुंचे हैं। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में मुलाकात हुई है। कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद ने मांझी को मनाने के लिए माले विधायक को दूत बनाकर भेजा है। ऐसे में सियासी गलियारे में एक बार फिर मांझी के पाला बदलने की चर्चा तेज हो गई है।
दरअसल, नई सरकार के गठन के बाद से ही आरजेडी और कांग्रेस फ्लोर टेस्ट से पहले बड़े खेल का दावा कर रहे थे। बड़े सियासी खेल की अटकलों के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपना आखिरी दांव चल दिया है। लालू ने बलरामपुर के मामले विधायक महबूब आलम और माले विधायक सत्यदेव राम को जीतन राम मांझी के पास भेजा है। जीतन राम मांझी और उनके बेटे हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन से माले विधायक की मुलाकात हुई है। हालांकि हम ने किसी भी तरह के सियासी खेल से इनकार किया है।
राज्य में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही जीतन राम मांझी एक और मंत्री पद की मांग कर सरकार पर दबाव बना रहे थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि कांग्रेस की तरफ से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दिया जा रहा है। मांझी ने कहा था कि एक रोटी से उनका पेट नहीं भरने वाला है और पेट भरने के लिए कम से कम दो रोटी की जरूरत है। मांझी के इस बयान के बाद कहा जा रहा था कि वे कभी भी पाला बदल सकते हैं।
हालांकि हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने कहा था कि वे उन्हें जो एक मंत्री पद मिला है वे उससे संतुष्ट हैं। वहीं जीतन राम मांझी ने कहा था कि वे कुर्सी की लालच में किसी को धोखा नहीं दे सकते हैं और पूरी मजबूती से नीतीश सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं। अब जब बीजेपी का कोई भी नेता पटना में मौजूद नहीं है तो लालू ने अपनी सियासी चाल चलते हुए बड़े ऑफर के साथ अपने दूत के रूप में माले विधायकों को मांझी को मनाने के लिए भेजा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या सही में बिहार में बड़ा खेल होने वाला है?