दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो और उनके परिवार ने इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी थी। जहां, बिलकिस ने अपनी और परिवार की सुरक्षा की भी मांग गुजरात सरकार से की थी। वहीं, रिहा होने के बाद दोषियों का फूलमाला पहनाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया था।
नई दिल्ली – गुजरात के गोधरा में उम्र कैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया गया था। ये सभी बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात लोगों की हत्या के मामले में सजा काट रहे थे। दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो और उनके परिवार ने इस फैसले पर निराशा जताई और मामले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस केस में अब आठ जनवरी को फैसला आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार के फैसले को पलटते हुए सभी दोषियों की सजा में मिली छूट को रद्द कर दिया।
बिलकिस बानो कौन हैं, 2002 में उनके साथ क्या हुआ था?
27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस में गोधरा स्टेशन के पास आग लगा दी गई। इस घटना में अयोध्या से लौट रहे 59 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। घटना के चलते गुजरात में दंगे भड़क उठे। दंगों की आग तीन मार्च 2002 को बिलकिस के परिवार तक पहुंच गई। उस वक्त 21 साल की बिलकिस के परिवार में बिलकिस और उनकी साढ़े तीन साल की बेटी के साथ 15 अन्य सदस्य भी थे। चार्जशीट के मुताबिक बिलकिस के परिवार पर हसिया, तलवार और अन्य हथियारों से लैस 20-30 लोगों ने हमला बोल दिया था। इनमें दोषी करार दिए गए 11 लोग भी शामिल थे।