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भूकंप के 21 झटकों से मची तबाही, अंधेरे में डूबे 34 हजार जापानी घर

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जापान में सोमवार को 90 मिनट के अंदर रिक्टर स्केल पर 4.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप के 21 झटके महसूस किए गए। एक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.6 मापी गई। समुद्र में ऊंची लहरें उठने के बाद देश के उत्तर-पश्चिमी तटीय इलाके में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है और लोगों को यहां से बाहर निकाला जा रहा है।

जापान के मौसम विभाग ने इशिकावा प्रांत के नोटो शहर में एक बड़ी सुनामी की चेतावनी जारी है, जिसमें लगभग 5 मीटर ऊंची लहरें उठने की आशंका जताई गई है।

सिलसिलेवार भूकंपीय गतिविधियों के बाद 34,000 घरों में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई है। मध्य जापान में कई प्रमुख राजमार्ग बंद करने पड़े हैं, क्योंकि भूकंप के कारण सड़कों में बड़ी दारारें पड़ गई हैं। फुकुई प्रांत (फुकुई प्रीफेक्चर जापान के होंशू द्वीप का हिस्सा है) में फायर डिपार्टमेंट और स्थानीय सरकार के अनुसार, कम से कम 5 लोग घायल भी हुए हैं। सभी को मामूली चोटें आई हैं।

रूस की समाचार एजेंसी ताश के मुताबिक जापान के करीब स्थित देश के पश्चिमी तट के कुछ हिस्से सुनामी के खतरे में हैं और स्थानीय आबादी को बाहर निकाला जा रहा है।

इशिकावा और निगाटा में हाई स्पीड रेल सेवाएं प्रभावित

जापान ने इशिकावा प्रांत के लिए हाई स्पीड रेल सेवाएं निलंबित कर दी हैं. टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने इशिकावा और निगाटा में फोन और इंटरनेट सेवाएं बाधित होने की सूचना दी है. जापान की सरकारी समाचार एजेंसी एनएचके द्वारा प्रसारित फुटेज में तटीय शहर सुजु में धूल के गुबार के बीच एक इमारत ढहती दिखाई पड़ी. वहीं कानाजावा शहर के निवासी मेजों के नीचे दुबके हुए दिखे. भूकंप से राजधानी टोक्यो में भी इमारतें हिल गईं. जापानी एयरलाइन एएनए ने भूकंप के बाद टोयामा और इशिकावा हवाई अड्डों की ओर जाने वाले चार विमानों को बीच रास्ते से ही वापस लौटा दिया. जापान एयरलाइंस ने अगले आदेश तक के लिए निगाटा और इशिकावा क्षेत्रों के लिए अपनी अधिकांश उड़ानें रद्द कर दी हैं.

जांच में सुरक्षित पाए गए जापान के न्यूक्लियर पावर प्लांट 

जापान के परमाणु प्राधिकरण ने कहा है कि तटीय इलाकों में स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किसी भी अनियमितता की पुष्टि नहीं हुई है. इनमें फुकुई प्रांत में कंसाई इलेक्ट्रिक पावर के ओही और ताकाहामा न्यूक्लियर पावर प्लांट के पांच एक्टिव रिएक्टर भी शामिल हैं. इशिकावा के होकुरिकु में स्थित शिका प्लांट ने नियमित निरीक्षण के लिए भूकंप आने से पहले ही अपने दो रिएक्टरों को बंद कर दिया था. यह न्यूक्लियर पावर प्लांट भूकंप के केंद्र के सबसे करीब स्थित था. अधिकारियों के मुताबिक इस पर भूकंप का कोई प्रभाव नहीं देखा गया है. बता दें कि 11 मार्च, 2011 को जापान के उत्तर-पूर्वी हिस्से में एक बड़ा भूकंप और सुनामी आई थी. इस त्रासदी में लगभग 20,000 लोग मारे गए थे. फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भी खतरा मंडराने लगा था.