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भारत से दोस्ती करो, चीन से दूर रहो… पाकिस्तानी सेना प्रमुख को अमेरिका की नसीहत, मानेंगे जनरल मुनीर?

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इस्लामाबाद – पाकिस्तान के सेना प्रमुख को अमेरिका ने नसीहत दी है। पाकिस्तान में चीन को सिर्फ आर्थिक गलियारे तक ही सीमित रखने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त चीन को किसी भी तरह के सिक्योरिटी सेट-अप तक पहुंच न देने को कहा गया है। अमेरिका ने पाकिस्तानी जनरल असीम मुनीर की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान साफ तौर से यह निर्देश दिया है। इसके अलावा अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत के साथ संबंध सुधारने और एलओसी पर शांति रखने को भी कहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कदम को पाकिस्तान में चीनी सुरक्षा चौकियों को रोकने के तौर पर देखा जा रहा है। चीन ने पाकिस्तान में काम करने वाले अपने नागरिकों के लिए बलूचिस्तान के ग्वादर में सैन्य चौकियां बनाने और अपने लड़ाकू विमानों के लिए ग्वादर इंटरनेशनल हवाई अड्डे के इस्तेमाल की मांग की है। इससे पहले सितंबर में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने गुप्त रूप से बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह का दौरा किया, जिसे कई राजनीतिक विश्लेषकों ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच अनुकूल कुटनीति की शुरुआत का संकेत कहा।
भारत के साथ संबंध सुधारो

यह बंदरगाह चीन की ओर से वित्त पोषित है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का हिस्सा है। दोनों देशों के बीच कई तरह की असहमति के कारण यह परियोजना धीमी गति से चल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को कहा था कि अगर उनके देश को वित्तीय मदद की जरूरत है तो उन्हें भारत के साथ व्यापार समेत कुछ नियम और शर्तों को स्वीकार करना होगा। अमेरिका ने उन्हें यह भी कहा है कि जितनी जल्दी हो सके भारत से बात करनी चाहिए और उनके साथ व्यापारिक संबंध बनाए।

अमेरिकी खेमे में पाकिस्तान

वॉशिंगटन की फॉरेन पॉलिसी पत्रिका ने मुनीर की यात्रा को लेकर लिखा कि 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से दोनों देशों के बीच अस्थिर संबंधों के बीच पाकिस्तानी सेना प्रमुख अमेरिका का दौरा कर रहे हैं। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जनरल मुनीर के पश्चिम से कोई खास अच्छे संबंध नहीं हैं। उनकी अमेरिका की यात्रा आर्थिक समस्याओं से जुड़ी है। क्योंकि पाकिस्तान सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका को करता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान चीन की कुछ शर्तों को स्वीकार करने का इच्छुक नहीं है और अमेरिकी खेमे में जाने को तैयार है।