लखनऊ – जिस सवाल के जवाब का कई वर्षों से इंतजार हो रहा था, वो जवाब बसपा प्रमुख मायावती ने दे दिया है. बसपा सुप्रीमो ने अपने भतीजे आकाश आनन्द को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. लखनऊ में बसपा मुख्यालय में देश भर के पदाधिकारियों की बैठक में मायावती ने इसका एलान किया. उनके इस एलान से अब इस कई और सवाल उठ खड़े हुए हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या अपनी इस घोषणा से मायावती ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा भी कर दी है ? या फिर लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े होकर मायावती ने अपने इस कदम से कौन सी राजनीतिक चाल साधने की कोशिश की है.
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर की यूथ में लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ रही है. चन्द्रशेखर की जमात उन्हीं वोटरों की है जो मौलिक तौर पर बसपाई हैं, ऐसे में चन्द्रशेखर की इस सेंधमारी को रोकने के लिए मायावती ने ये कदम उठाया है. हालांकि अजय बोस ने दुखी मन से ये बात कही कि बसपा का हाल भी वही हो गया तो अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का हो गया है. यानी परिवार के पास ही पार्टी की कमान.
आकाश आनन्द दिल्ली, राजस्थान, एमपी, केरल और गुजरात में पार्टी के लिए काम कर चुके हैं. विकास जाटव ने बताया कि भले ही इन राज्यों में परिणाम अपेक्षित न आये हों लेकिन, आकाश आनन्द की मेहनत से वे जनता से सीधे जुड़ पाये. बहन जी ने उन्हें संदेश वाहक के तौर पर इन राज्यों में काम करने के लिए भेजा था.