संसद के मॉनसून सत्र के दौरान भरी लोकसभा में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने बीएसपी सांसद दानिश अली के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. 7 दिसंबर को लोकसभा की प्रिविलेज कमिटी (विशेषाधिकार समिति) ने दानिश अली और रमेश बिधूड़ी को बारी-बारी से बुलाया और दोनों के बयान दर्ज किए.
नई दिल्ली – घूसकांड यानी संसद में सवाल पूछने के मामले के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्राको लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है. एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने वोटिंग कराई. ध्वनिमत से प्रस्ताव पास होने के बाद महुआ के निष्कासित कर दिया गया. इस पूरे मामले पर बीएसपी सांसद दानिश अली रमेश बिधूड़ी ने मुझे इतने अपमानजनक शब्द बोले थे. अब महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. क्या इससे संसद अपमानित नहीं हुआ. आज गांधी और अंबेडकर की आत्मा रो रही होगी.”
एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर ऐतराज जताते हुए दानिश अली ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, “एक तरफ, पूरी दुनिया ने देखा कि बीजेपी के लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में मेरे साथ कैसे बर्ताव किया… क्या तब संसद में सम्मान या मर्यादा की कोई भावना नहीं थी? अगर तब नहीं थी तो अब क्यों? यह क्या है?”
महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर तमाम विपक्षी सांसद सांसद भवन के बाहर आए. विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की. बीएसपी सांसद दानिश अली गले में तख्ती लटकाए नजर आए. इस दौरान उन्होंने कहा, “मैंने यह पोस्टर इसलिए लगाया है, क्योंकि एथिक्स कमिटी ने अपनी सिफारिश में मेरा भी जिक्र किया है, क्योंकि मैं उन्हें(महुआ मोइत्रा) न्याय दिलाना चाहता हूं.”
रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली पर किए थे आपत्तिजनक कमेंट
बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान भरी लोकसभा में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने बीएसपी सांसद दानिश अली के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. 7 दिसंबर को लोकसभा की प्रिविलेज कमिटी (विशेषाधिकार समिति) ने दानिश अली और रमेश बिधूड़ी को बारी-बारी से बुलाया और दोनों के बयान दर्ज किए. BJP सांसद सुनील कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली इस कमिटी से बातचीत में रमेश बिधूड़ी ने कहा कि उन्हें अपने उस बयान पर पछतावा है.
एथिक्स कमिटी के आलोचक रहे हैं दानिश अली
दानिश अली शुरुआत से ही महुआ मोइत्रा के मामले में एथिक्स कमिटी के आलोचक रहे हैं. पिछले महीने, एथिक्स कमिटी ने मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश की थी. दानिश अली ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी. इसके बाद कमिटी के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर ने जोर देकर कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन किया गया, लेकिन कुछ लोग बाधा डालना चाहते थे…