बरेली – महिलाओं की सिलसिलेवार हत्या की गुत्थी पुलिस सुलझा नहीं पाई कि एक के बाद एक घटनाओं ने नई चुनौती खड़ी कर दी है। प्रेमवती, महमूदन, दुलारों के बाद नौंवी महिला की हत्या कर दी गई। धनवती और कलावती को भी मौत के घाट उतार दिया गया। पुलिस की कहानी किसी साइको सीरियल किलर पर आकर अटक गई, लेकिन, पटाक्षेप नहीं हुआ। नतीजा शाही से हुईं वारदात शीशगढ़ तक पहुंची तो रूकी नहीं। दूसरी वारदात हो गई, जिससे आस-पास के गांव के लोग खौफजदा हैं। उर्मिला की हत्या के बाद गांव के लोगों का कहना है कि अब ऐसी दशा में महिलाएं घर से कैसे निकले? गांव में लोगों ने रात-रात पहरेदारी शुरू कर दी है।
आईजी रेंज डॉ. राकेश सिंह ने पूरे घटनाक्रम का संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि जानकारी में सामने आया है कि घटनाओं में काफी समानताएं हैं। ऐसे में घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ-साथ जिन-जिन क्षेत्रों में घटनाएं हुई। उसके साथ आस-पास के ग्राम प्रधानों एवं संभ्रांत व्यक्तियों के साथ बैठक की जाएगी। दो अलग-अलग स्पेशल टीमें गठित की जाएगीं। एक टीम सीधे तौर पर काम करेगी, जबकि एक टीम प्रधानों एवं संभ्रांत व्यक्तियों से मिले इनुपट के आधार पर काम करेगी। गांव में सादे कपड़े में पुलिस कर्मियों की सक्रियता बढ़ाई जाएगी। घटनाओं को चुनौती के रूप में लिया गया है। पल-पल की मॉनीटरिंग की जा रही है।
प्रेमवती हत्याकांड
शाही के आनंदपुर गांव निवासी प्रेमवती 29 जून को पशुओं के लिए घास लेने गईं थीं। वह लौटकर नहीं आईं। अगले दिन उनका खेत में शव मिला। साड़ी से गला घोंटकर उनकी हत्या की गई थी। हत्याकांड की गुत्थी अब तक नहीं सुलझी।
महमूदन हत्याकांड
31 अक्टूबर को शीशगढ़ के लखीमपुर गांव की रहने वाली महमूदन का शव खेत में मिला। महिला की चप्पलें खेत के बाहर थीं। चुनरी से गला कसा गया था। हत्याकांड का राजफाश नहीं हो सका।
दुलारो देवी हत्याकांड
20 नवंबर को शाही के खरसैनी गांव में 68 वर्षीय दुलारो देवी का शव मिला। दुलारो का गला भी साड़ी से घोंटा गया था। हत्याकांड का राजफाश नहीं हो सका।
कुसुम देवी हत्याकांड
शाही के खजुरिया निवासी कुसुम देवी का गला भी साड़ी से घोंटा था। मामले में पुलिस ने एक नशेड़ी को काफी समय बाद जेल भेजा। तर्क दिया कि बच्चों ने उसे देख लिया था, लेकिन, डर के चलते बताया नहीं। फिर आरोपित का नाम बताया, जिसके बाद उसे जेल भेजा।
कलावती हत्याकांड
शाही के परतापुर निवासी कलावती की पांच जून को हत्या कर दी गई। उनके नाक-कान के आभूषण गायब थे। हत्या की गुत्थी भी नहीं सुलझी।
धनवती हत्याकांड
शाही के कुल्छा गांव में गन्ने के खेत में धनवती का शव मिला था। पोस्टमार्टम में विसरा सुरक्षित किया गया। हत्याकांड का राजफाश अब तक ना हुआ।
शीशगढ़ की दोनों घटनाएं बिल्कुल समान
शीशगढ़ में हुए महमूदन और अब उर्मिला देवी हत्याकांड में एक जैसी बात सामने आई। महमूदन की चप्पलें भी खेत के बाहर मिलीं थी। उर्मिला की भी। महमूदन का गला भी कसा गया था और उर्मिला का भी।