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कांग्रेस छत्तीसगढ़ में जीती, तो भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे होंगे – सिंहदेव

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 यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें वास्तव में मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल का कार्यकाल देने का वादा किया गया था, डिप्टी सीएम टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि ऐसी कई चर्चाएं हैं, जो बंद दरवाजों के पीछे होती हैं. सिंहदेव ने कहा, “पार्टी आलाकमान ने इस ढाई साल (के कार्यकाल) के बारे में कभी कुछ नहीं कहा, इसलिए मैं कोई टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं.”

रायपुर – छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने सीएम पद को लेकर लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस एक परिवार की टीम की तरह एकजुट है। ऐसे में यदि कांग्रेस जीतती है तो सीएम की रेस में सीएम भूपेश पहने नंबर पर होंगे। पार्टी हाईकमान का फैसला सभी को मानना होगा।

‘पीटीआई-भाषा’ को दिए इंटरव्यू में सिंहेव ने कहा कि 5 साल में कांग्रेस के नजहित और लोक कल्याणकारी कार्यों के बावजूद यदि विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत भी नहीं मिलता है तो उन्हें काफी निराशा होगी। पीएम मोदी की और से भूपेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के सवाल पर कहा कि ये बहुत ही दुखत है कि देश के उच्च शीर्ष पर बैठा व्यक्ति इस तरह की बात कह रहा है। केंद्र सरकार के पास कार्रवाई करने का पूरा मौका है। एक प्रधानमंत्री या गृहमंत्री से आरोप लगाने की उम्मीद नहीं की जाती है। आपके पास राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा तंत्र है जो इस तरह की जांच कर सकता है। फिर ऐसा क्यों नहीं किया?’ आरोप लगाना प्रधानमंत्री या गृहमंत्री के पद की प्रतिष्ठा के अनुरूप सही नहीं है।

ढाई-ढाई साल के सवाल पर दिया ये जवाब

पिछले पांच साल में सरकार के कार्यकाल के दौरान उनके और मुख्यमंत्री बघेल के बीच अनबन की खबरों के सवाल पर कहा कि  ऐसा कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि उस समय ढाई-ढाइ साल का
मामला मीडिया में छाया हुआ था। ढाई-ढाई साल के लिए सीएम का पद शेयर करने की बात थी और इससे हम दोनों पर बहुत दबाव बना। मेरे कार्यकर्ता और सहयोगी मुझे फोन कर रहे थे। 100 से अधिक कॉल का मुझे जवाब देना पड़ रहा था। मैंने अपने समर्थकों से कहा था कि यह फैसला करना आलाकमान का काम है। यह उनका फैसला है, ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके बारे में मुझे पहले से जानकारी हो। वह पल हमारे लिए बहुत दबाव वाला था,  लेकिन मैंने कभी इसका शासन-प्रशासन पर किसी भी तरह से प्रभाव नहीं पड़ने दिया।’’

टीम वर्क पर दिया ये जवाब
कांग्रेस के एकजुट के सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा कि जैसे कोई परिवार होता है। हम सभी के परिवार हैं, हमारे माता-पिता, पति-पत्नी का रिश्ता है, हमारे भाई-बहन के बीच रिश्ते हैं, दोस्तों के बीच रिश्ते है। क्या सब कुछ हमेशा सही होता है। हमेशा सब सही नहीं होता, यह मानव स्वभाव का हिस्सा है जो कभी कभी बदलता है और हमें इतना परिपक्व होना होता है कि संबंध मजबूत बनें।’  कांग्रेस की ओर से सीएम पद के लिए कोई चेहरा घोषित नहीं किया गया है। सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है, लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री बघेल इस दौड़ में सबसे आगे हैं इस पर सिंहदेव ने कहा कहा कि वह निश्चित रूप से सबसे आगे होंगे। ये पार्टी आलाकमान की ओर से  निर्णय हैं और आलाकमान जो भी निर्णय लेता है, हम सभी इसका पालन करेंगे। चुनाव को लेकर यह तया है कि सामहिक नेतृत्व चुनाव अभियान का नेतृत्व किया जाएगा। सीएम बघेल ही टीम का नेतृत्व करेंगे।

‘न्यायसंगत रहा टिकट वितरण’
जाति आधारित गणना पर सिंहदेव ने कहा कि राहुल गांधी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि अगर कांग्रेस सरकार में वापस आती है तो ओबीसी वर्ग का सर्वेक्षण होगा। हम निश्चितरूप से एक जाति आधारित गणना कराएंगे। यह वह आधार उपलब्ध कराता है जिसके अनुसार आप लक्ष्य कर सकते हैं और बता सकते हैं कि समाज के किस वर्ग को सरकार से सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है।’’ कांग्रेस प्रधानमंत्री के तेजतर्रार अभियान का मुकाबला कैसे करेगी के सवाल पर कहा कि मोदी मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी या छत्तीसगढ़ के शासन के लिए नहीं लड़ रहे हैं। हमने पिछले पांच वर्ष की लगभग पूरी अवधि में श्री मोदी को छत्तीसगढ़ में नहीं देखा है।” बीजेपी के शीर्ष नेता आते हैं, प्रचार करते हैं, उनमें एक आकर्षण होता है, लोग आते हैं और उन्हें सुनते हैं, लेकिन जब वे वोट करते हैं तो परिपक्व मतदाता इस बात पर गौर करता है कि कौन काम करेगा।

‘संभवत: ये आखिरी चुनाव है’
उन्होंने कहा कि एक समय था जब मैं सोच रहा था कि अगली पीढ़ी को मौका देना चाहिए, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं की दृढ़ राय थी कि इस बार रहने दीजिए इसलिए मैंने उनकी सलाह, उनकी मांग, उनके फैसले पर गौर किया और चुनाव लड़ने का फैसला किया। ऐसे में संभवत: ये आखिरी चुनाव है।  कांग्रेस कितनी सीट जीतेगी के सवाल पर कहा कि अगर पार्टी को दो-तिहाई बहुमत नहीं मिला तो उन्हें बेहद निराशा होगी। हमारे पास दो-तिहाई यानी 90 में से 60 सीट नहीं होंगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अबकी बार 75 पार की उम्मीद है। इस आत्मविश्वास की वजह ये है कि पार्टी ने शासन के मामले में जमीन पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।