पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की तेजतर्रार नेत्री उमा भारती ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। वह शुक्रवार को हिमालय के लिए निकल जाएंगी। चुनाव प्रचार जब चरम पर होगा, तब वह बद्री-केदार के दर्शन करेंगी।
भोपाल – मध्य प्रदेश में 2003 में भाजपा को सत्ता के शिखर पर ले जाने वाली उमा भारती ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली हैं। वह शुक्रवार को हिमालय के लिए निकल जाएंगी। कुछ दिन बद्री-केदार पर रहेंगी। इस दौरान आत्मचिंतन करेंगी कि 2003 में लोगों के जिन सपनों को पूरा करने के लिए कांग्रेस को ध्वस्त किया था, उनमें से कितने पूरे हुए।
अधूरे काम भी गिना दिए
उमा भारती ने सोशल मीडिया पर उन अधूरे कामों का उल्लेख भी किया जिन्हें पूरा किया जाना है। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा रिवर लिंक जो लगभग 2017 से शिलान्यास के लिए तैयार है। गौ-संवर्धन, गौ-रक्षण के उपाय संतोषजनक स्थिति तक नहीं पहुंच पाए हैं। पंच ज अभियान संपूर्णता से नहीं हुआ, टुकड़ों में हुआ है। धार में भोजशाला की सरस्वती माई राज्य और केंद्र में हमारी सरकार होते हुए भी अपनी गद्दी पर वापस नहीं लौट सकीं। रायसेन के सोमेश्वर एवं विदिशा की विजया देवी के मंदिर के पट नहीं खुल सके। जबकि हमारे केंद्रीय नेतृत्व के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी ने मुझे इसका आश्वासन दिया था। अंत में मैं इस निष्कर्ष पर हूं कि 2003 से अभी तक डेढ़ साल को छोड़कर हमारी ही सरकार रही। लोगों के जिन सपनों को पूरा करने के लिए हमने कांग्रेस को 20 साल पहले ध्वस्त किया था, वह सपने कितने पूरे हुए उस पर अभी और आत्म चिंतन मैं अभी कुछ दिन हिमालय में बद्री-केदार के दर्शन करते समय करूंगी।