जीरकपुर – बचपन से हम रामलीला देखते आ रहे है और रामलीला में काफी मनोरंजन भी सब करते है और पूरा उसका लुत्फ उठाते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसी अनोखी रामलीला देखी है जिसमें कोई भी पुरुष किरदार ही न हो… राम, रावण, हनुमान, लक्ष्मण जैसे सभी पात्र सिर्फ़ महिलाएं ही अदा कर रही हों. मंच का संचालन भी पूरी तरह महिलाओं के हाथों में हो.
नहीं न… तो आज हम आपको चंडीगढ़ के पास जीरकपुर के पीर मुछल्ला इलाके में स्थित चिनार होम्स में चल रही ऐसी ही रामलीला में ले चलेंगे. इस रामलीला में केवल महिलाओं का ही किरदार होता हैं… रामलीला का मंचन 15 अक्टूबर से शुरू होने वाला है. इस रामलीला में 9 महीने की बच्ची से लेकर 79 साल की बुज़ुर्ग हिस्सा ले रही है. इस रामलीला में कुल 32 कलाकार काम कर रहीं हैं.
क्या करती है व्यक्तिगत जीवन में किरदार निभाने वाली महिलाएं
रामलीला के पात्रों को मंच पर निभाने वाली इन महिला कलाकारों में कोई पेशे से आर्किटेक्ट हैं तो कोई बैंकर, कोई सोशल एक्टिविस्ट हैं तो कोई बीटेक स्टूडेंट. प्रभु श्रीराम का किरदार 30 वर्षीय प्रतिभा सिंह निभा रही हैं जो एक बैंक में का करती हैं. प्रतिभा ने न्यूज़ 18 से बातचीत में कहा कि वो इस रामलीला के रिहर्सल के लिए अपने बिज़ी शेड्यूल में से टाइम निकाल रही है. वहीं रावण का रोल निभाने वाली रमनदीप कौर पेशे से कोरियोग्राफर है.
महिलाएं सशक्तिकरण का साफ उदाहरण पेश करती है यह रामलीला
सभी अभिनय कर रही महिलाओं ने न्यूज़ 18 से बातचीत में बताया कि महिलाएं आज चांद पर पहुंच चुकी है.भारत की प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से लेकर सभी क्षेत्रों में महिलाएं आगे हैं. इसी विचार को लेकर उन्होंने पिछले वर्ष से यह रामलीला का मंचन शुरू किया. उन्होंने ने बताया कि बचपन से वे पुरुषों को महिलाओं का किरदार निभाते हुए देखे आए हैं लेकिन अब महिलाएं जब पुरुषों का किरदार निभा रही है और इसके लिए आगे आ रही हैं तो पुरुषों को भी ऐतराज नहीं होना चाहिए.
जड़ों से जुडो संस्था की डायरेक्टर एकता ने की बातचीत
रामलीला की डायरेक्टर एकता ने न्यूज़ 18 से बातचीत में बताया की जैसा कि नाम से ही प्रतीत हो रहा है कि जड़ों से जुडो संस्था का नाम रखा गया है और इसी विचार को ध्यान में रखते हुए यह रामलीला शुरू की गई है. एकता ने बताया की उनके खुद के साथ उनकी बेटी और उनकी मां भी अलग-अलग किरदार में अभिनय कर रही हैं.
महिलाएं किसी से भी पीछे ना रहे और लोगों को भी यह ना लगे की रामलीला महिलाएं नहीं कर सकती इसी सोच को ध्यान में रखकर पिछले साल से यह पहल की गई थी जिसे लोगों ने काफी सराहा है. उन्होंने कहा कि यह रामलीला चंडीगढ़ की सबसे बेस्ट रामलीला साबित होगी क्योंकि पिछले साल भी उन्हें काफी अच्छा रिस्पांस लोगों की ओर से मिला था. ख़ास बात यह है कि रामलीला में अभिनय कर रहीं सभी कलाकार रात को ज़मीन पर चटाई बिछाकर सोती हैं. उनका कहना है कि इससे मन की शुद्धता और शांति बनी रहती है