जय जोहार, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। मुझे छत्तीसगढ़ की धरती पर आप सबसे मिलकर बहुत खुशी हुई। मेरी इच्छा आज पूरी हुई। एक कहावत है छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, ऐसी कहावतों के माध्यम से सदियों से चल रहे सत्य को मात्र शब्दों में कह दिया जाता है।
रायपुर – जय जोहार, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। मुझे छत्तीसगढ़ की धरती पर आप सबसे मिलकर बहुत खुशी हुई। मेरी इच्छा आज पूरी हुई। एक कहावत है छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, ऐसी कहावतों के माध्यम से सदियों से चल रहे सत्य को मात्र शब्दों में कह दिया जाता है। ये बातें आज यहां रायपुर के शांति सरोवर स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के पॉजिटिव चेंज ईयर 2023 के थीम के लॉचिंग पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कही।
उन्होंने कहा कि एक और हमारा देश नित्य नई ऊंचाइयों को छू रहा है। चांद पर तिरंगा लहरा रहे हैं। विश्व स्तरीय स्तर पर खेलकूद के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। यहीं भारत की खूबसूरती है। दूसरी ओर एक अत्यंत गंभीर विषय है। कुछ दिनों पहले नीट की तैयारी करने वाले दो छात्रों ने अपने जीवन, अपने सपनों, अपने भविष्य का अंत कर दिया। एग्जाम के लिए पढ़ाई कर रहे बच्चों ने पिछले दिनों अपने आप को इस दुनिया से खत्म कर लिया। प्रतिस्पर्धा एक सकारात्मक सकारात्मक कदम है। जिससे जीवन निखरता है। हार जीत तो जीवन का हिस्सा है, मुझे बहुत दुख होता है जब कुछ बच्चों में नकारात्मक भाव उत्पन्न हो जाते हैं तो अपने आप को ही क्षति पहुंचा लेते हैं। अपने आप को खत्म करने का निश्चय ले लेते हैं। इस तरह के कई उदाहरण हैं। क्षणिक असफलता से भविष्य की सफलता निहित होती है।
राष्ट्रपति की अपील
मेरी भावी पीढ़ी के लोगों, दोस्तों, अध्यापकों और समाजसेवकों से अपील है कि वह इन बच्चों के मानसिकता को समझ कर उनकी सहायता करें। मैं सभी सभी से कहना चाहूंगी अगर बच्चों को पढ़ाई का कंपटीशन का प्रेशर है, तो पॉजिटिव थिंकिंग से दूर किया जा सकता है। उनके इस आत्मविश्वास बढ़ाया जा सकता है। उनका ऐसे कार्य में उनकी मदद करें, जितना उनका करियर जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि जीवन की चुनौतियों का डटकर उसका सामना करें। इसीलिए उनके तैयारी करने में सहयोग करना बहुत जरूरी होता है। देश के भावी पीढ़ी बच्चे हैं। इन बच्चे की आधे अधूरी जिंदगी को बचा सकते हैं। दूसरों से प्रेरणा लेनी चाहिए, अच्छी बात है। अपनी रुचि, अपने-अपने शक्ति को पहचान कर सही दिशा का चुनाव करना जरूरी है। इसके लिए खुद से निरीक्षण करना जरूरी है। क्या करूं क्या ना करूं, क्या पॉजिटिव क्या निगेटिव है। क्योंकि आज का युग कंप्यूटर का युग है। साइंटिफिक युग है। अभी के बच्चे सार्फ मन के होते हैं। इसलिए उन पर ध्यान देना जरूरी है।
‘रामराज्य लाने के लिए भी राम बनना पड़ेगा, सीता भी बनना पड़ेगा’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि युग में परिवर्तन लाने का दायित्व हम सभी का है। यह जिम्मेदारी हम सबको लेनी चाहिए। पॉजिटिव चेंज से हम स्वर्णिम युग ला सकते हैं। राम राज्य ला सकते हैं। रामराज्य लाने के लिए भी हमें राम बनना पड़ेगा, सीता बनना पड़ेगा। विश्व गुरु बनने के लिए इस दिशा में कदम रखना पड़ेगा।
‘कुछ समय इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से दूर रहकर बिताएं’
आज कल सब टेक्नोलॉजी के युग में जी रहे हैं और बच्चे भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि हम दिन का कुछ समय इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से दूर रहकर बिता सकते हैं। साइंस, टेक्नोलॉजी के साथ-साथ हम अध्यात्म को भी जोड़ें तो जिंदगी आसान हो जाएगी। इस मकसद से परमपिता परमात्मा धरती पर हमें भेजे हैं। केवल रोटी, कपड़ा, मकान, ज्यादा से ज्यादा इनकम करना यह जिंदगी का लक्ष्य नहीं है। जिंदगी को कैसे, किस तरीके से जिए, यह महत्वपूर्ण है। आनंद प्रेम से जिए। हमारे यह रास्ता उतना कठिन नहीं है, स्वस्थ जीने के लिए यह बहुत जरूरी है। सबकी जिंदगी में थोड़ी कठिनाई है, लेकिन जिंदगी कठिन रास्तों पर चलकर समझ हो जाती है।
‘हमेशा पॉजिटिव सोच के बीच रहें’
राष्ट्रपित द्रौपदी मुर्म ने कहा कि लोगों के बीच में रहिए जो आपको सही चलने की प्रेरणा दे सकें और आगे बढ़ाने में भी आपका साथ दे सके। जीवन को सही-सही ढंग से जिए तो हर पल खूबसूरत और यादगार बना सकते हैं। बदलाव लाना आसान नहीं होता, लेकिन प्रबल शक्ति से किए गए कार्य से इसे आसान बनाया जा सकता है।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें