कश्मीर में जारी वार्षिक अमरनाथ यात्रा के तहत भगवान शिव के दंड ‘छड़ी मुबारक‘ को 16 अगस्त को पहाड़ी पर स्थिति ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर में अनुष्ठान के लिए ले जाया जाएगा।
श्रीनगर – कश्मीर में जारी वार्षिक अमरनाथ यात्रा के तहत भगवान शिव के दंड ‘छड़ी मुबारक‘ को 16 अगस्त को पहाड़ी पर स्थिति ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर में अनुष्ठान के लिए ले जाया जाएगा। पवित्र छड़ी के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि ने ‘पीटीआई-भाषा’को दिए साक्षात्कार में बताया कि इस साल दो महीने तक श्रावण मास है और यह ज्योतिष घटना 19 साल के बाद हो रही है इसलिए इस बार अमरनाथ यात्रा का महत्व और बढ़ जाता है। गिरि ने छड़ी मुबारक के अनुष्ठान की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि तीन जुलाई को ‘अषाढ़ पूर्णिमा’ के दिन छड़ी मुबारक के शुरुआत के तहत पहलगाम में ‘भूमि पूजन’, ‘नवग्रह पूजन’ और ‘ध्वजारोहण’ किया गया था और अब यह पवित्र दंड 16 अगस्त को ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर पहुंचेगा। गिरि ने बताया कि श्रीनगर के डलगेट इलाके में स्थित जबरवन पहाड़ी पर बने मंदिर में अनुष्ठान किए जाएंगे और इसके अगले दिन शहर के अंदरूनी हिस्से स्थित हरी पवर्त के ढलान पर बने शरिका भवानी मंदिर में पूजा-अर्चना होगी।
उन्होंने बताया कि 19 अगस्त को श्री अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़ा में ‘छड़ी स्थापना’ का अनुष्ठान होगा। गिरि ने बताया कि 21 अगस्त को नागपंचमी के अवसर पर श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़ा में ‘छड़ी पूजन’ के बाद पवित्र छड़ी ‘पूजन’के लिए अमरनाथ की पवित्र गुफा के लिए रवाना होगी जहां पर 31 अगस्त को ‘श्रावण पूर्णिमा’ के दिन सुबह श्रद्धालु ‘दर्शन’ कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि पवित्र छड़ी मुबारक यात्रा 26-27 अगस्त को पहलगाम में रात्रि विश्राम करेगी इसके बाद 28 अगस्त को चंदनबाड़ी में, 29 अगस्त को शेषनाग में और 30 अगस्त को पंचत्रानी में पड़ाव होगा।