छत्तीसगढ़ में अब तक Eye Flu के 20 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इसे लेकर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में एक उच्चस्तरीय इमरजेंसी बैठक बुलाई। इसमें कंजेक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपायों की गहन समीक्षा की गई।
रायपुर – छत्तीसगढ़ में बरसात में होने वाली मौसमी बीमारी आई फ्लू तेजी से फैल रहा है। प्रदेश के कई जिलों में ये बीमारी फैल चुकी है। आंख में होने वाले संक्रमण की वजह से लोग परेशान हैं। लोग आई फ्लू का इलाज कराने के लिए अस्पतालों और डॉक्टरों के पास जा रहे हैं। भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में एक उच्चस्तरीय इमरजेंसी बैठक बुलाई। इसमें कंजेक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपायों की गहन समीक्षा की गई। प्रदेशभर में करीब बीस हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं।
आई फ्लू बीमारी से सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। बीमारी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में संचालित स्कूलों और छात्रावासों में आई फ्लू की रोकथाम को लेकर एडवायजरी भी जारी कर दी है। बता दें कि, ये बीमारी संपर्क से फैलने वाली बीमारी है जो घनी आबादी वाले इलाके में ज्यादा फैलती है।
कंजेक्टिवाइटिस से बचने के उपायों और सावधानियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने विशेषज्ञों की सलाह का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों को यह बताया जाए हाथों को बिना साफ किए हाथ आंखों में ना लगाएं, जिससे संक्रमण ना हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में कंजेक्टिवाइटिस के मरीजों का प्राथमिकता के साथ इलाज किया जाए। ताकि उन्हें अस्पतालों में ज्यादा समय न रुकना पड़े। स्कूलों में भी यदि किसी बच्चे को कंजेक्टिवाइटिस होता है तो संक्रमण से बचने के लिए उन्हें घर भेज जाए। मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में कंजेक्टिवाइटिस के मरीजों की जांच और इलाज तथा दवाईयों की उपलब्धता की समीक्षा भी की।
‘व्यापक प्रचार-प्रसार किया’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कंजेक्टिवाइटिस की रोकथाम के उपायों का सोशल मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है। पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध हैं। मरीजों को फ्री दवाइयां दी जा रही है। उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बैठक में कहा कि पिछले सप्ताह कंजेक्टिवाइटिस के जो मरीज मिले थे, उनमें से अधिकांश स्वस्थ हो गये हैं। दुर्ग, रायपुर में ज्यादा मरीज मिले थे। उन्होंने कहा कि लोग मेडिकल स्टोर से स्वयं स्टेराइड दवाइयां लेकर आंखों में डाल रहे है, ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
कंजेक्टिवाइटिस बिना डरे सावधानी बरतें
बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस से डरने की जरूरत नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक जांच और उपचार की व्यवस्था है। लोगों को निःशुल्क दवाइयां दी जा रही हैं।
सावधानी और बचाव के उपाय
अस्पतालों में यह ध्यान रखा जाए कि यदि संक्रमण है तो आपरेशन नहीं किया जाए।
सामान्यतः यह बीमारी 3 दिन में ठीक हो जाती है। यदि ठीक नहीं होती, आंखों में तकलीफ रहती है या दृष्टि में धुंधलापन आता है तो नेत्र विशेषज्ञ को तुरंत दिखाएं।
लोग हाथ मिलाने से बचें
बिना हाथ साफ किए हाथ आंखों में ना लगाएं।