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सिंहदेव ने कहा- CM पद के लिए भूपेश पहली पंक्ति में; मुझे पद न मिलना विश्वासघात नहीं

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सिंहदेव को पिछले महीने उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। पूरे कार्यकाल के दौरान यह चर्चा रही कि पार्टी नेतृत्व ने वादा किया था कि वह और बघेल बारी-बारी से ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद संभालेंगे। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने इस पर कभी सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा। अब डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद सिंहदेव ने विभिन्न मुद्दों पर बात की। 

रायपुर – छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में ही कांग्रेस विधानसभा चुनाव लड़ेगी। अगर पार्टी चुनाव जीतती है तो सीएम पद के लिए बघेल का नाम पहली पंक्ति में होगा। इस पर ही विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, अगर किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को नहीं हटाया गया है तो इसका मतलब है कि पार्टी उस व्यक्ति पर अपना विश्वास बनाए रखा है, जो जीत दिलाने में सक्षम है। और जीत मिलने के बाद कप्तान को क्यों बदला जाना चाहिए। 

उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में ही कांग्रेस विधानसभा चुनाव लड़ेगी। अगर पार्टी चुनाव जीतती है तो सीएम पद के लिए बघेल का नाम पहली पंक्ति में होगा। इस पर ही विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, अगर किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को नहीं हटाया गया है तो इसका मतलब है कि पार्टी उस व्यक्ति पर अपना विश्वास बनाए रखा है, जो जीत दिलाने में सक्षम है। और जीत मिलने के बाद कप्तान को क्यों बदला जाना चाहिए। 

60 से 75 सीटें मिल सकती हैं इस बार
सिंहदेव ने रविवार को न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में विधानसभा के दौरान कांग्रेस को मिलने वाली सीटों को लेकर भी भविष्यवाणी की। सिंहदेव ने कहा कि, कांग्रेस को 90 सदस्यीय विधानसभा में शानदार जनादेश मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि, कुछ लोग कांग्रेस के लिए 75 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान लगा रहे हैं, लेकिन उनको ऐसा लगता है कि यह सीटें 60 से 75 के बीच रहेंगी। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में 68 सीटें जीती थीं।

मेरे और बघेल के बीच को दुश्मनी नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या पिछले महीने उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद सीएम बघेल और उनके बीच तनाव खत्म हो गया है। इस पर सिंहदेव ने कहा कि, कोई वास्तविक कड़वाहट या दुश्मनी नहीं थी। हम साथ मिलकर काम कर रहे थे। ढाई साल का समय साझा करने का मुद्दा था। मुझे लगता है कि यह हमारे दिमाग के साथ-साथ हम दोनों से जुड़े हर किसी के दिमाग पर असर कर रहा था। वह समय बीत चुका है। यहां तक कि जब उन मामलों पर चर्चा हो रही थी, तब भी हम अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे थे।

फीडबैक के आधार पर फैसला, विश्वासघात नहीं
मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल नहीं मिलने पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि, वे इसे विश्वासघात के रूप में नहीं देखते हैं। वह इसे एक निर्णय के रूप में देखतें हैं, जो आलाकमान लेता है।  यह उनका फैसला है। उन्होंने कहा कि, मैं मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। यह आलाकमान है, जो फीडबैक के आधार पर हम सभी उचित भूमिकाएं देता है। सिंहदेव ने कहा, उनको सीएम नहीं बनाया जाना, कोई विश्वासघात नहीं है, क्योंकि यह आलाकमान का फैसला है और हम उसका पालन करते हैं।

प्रोटोकॉल के तहत दो नंबर हूं
सिंहदेव ने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत वह पहले से ही कैबिनेट में नंबर दो हैं। उन्होंने कहा, हमारे पास ये आधिकारिक प्रोटोकॉल हैं। इसलिए सीएम ने मुझे उनके बाद प्रोटोकॉल दिया था। वह नंबर एक थे और मैं नंबर दो था और ताम्रध्वज साहू नंबर तीन थे। मुख्यमंत्री सहित हम में से 13 लोग थे। मैं अभी भी एक अतिरिक्त पदनाम के साथ नंबर दो हूं। मैं डिप्टी सीएम हूं, इसलिए मुझे यकीन है कि बहुत से लोग इसे एक कदम के रूप में देख रहे होंगे। उन्होंने कहा, मैं कैबिनेट में मंत्रियों में से एक था। अब मैं उन मंत्रियों में से एक हूं, जिन्हें उपमुख्यमंत्री भी नियुक्त किया गया है। मैं पार्टी का आभारी हूं। पार्टी आलाकमान और भूपेश भाई का बहुत आभारी हूं क्योंकि सभी की सहमति और आशीर्वाद से यह हुआ है। 

नेता पहले भी एकजुट थे, अब भी हैं
सिंहदेव ने दावा किया कि नेता पहले भी एकजुट थे। मुद्दा (प्रत्येक मुख्यमंत्री का ढाई साल का कार्यकाल) बार-बार प्रेस में आ रहा था, इसलिए निश्चित रूप से तनाव था। भूपेश भाई के लिए हर समय जवाब देना मुश्किल था। मेरे लिए मीडिया या हमारे सहयोगियों को जवाब देने की कोशिश करना बहुत मुश्किल था, जैसे कि यह कब होने वाला है, क्या होने वाला है, क्या यह ढाई साल की बात है, इसलिए निश्चित रूप से इसका हम पर असर पड़ा। कहा कि अब ढाई साल नहीं हैं, चुनाव में केवल चार-पांच महीने बचे हैं और जो स्थिति पहले थी वह अब नहीं है।

ढाई साल के वादे पर कहा- बंद दरवाजों के पीछे कई चर्चाएं
डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा कि ऐसी कई चर्चाएं हैं जो बंद दरवाजों के पीछे होती हैं। आलाकमान ने इस ढाई साल (कार्यकाल) के बारे में कभी कुछ नहीं कहा, इसलिए मैं कोई टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं। बंद दरवाजों के पीछे होने वाली चर्चाओं की गरिमा बनाए रखनी होगी। सिंहदेव ने कहा कि 28 जून को जब राज्य के नेताओं ने यहां पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी, तब लिया गया निर्णय यह था कि चुनाव ‘सामूहिक नेतृत्व’ पर लड़ा जाएगा, जिसका नेतृत्व भूपेश बघेल जी करेंगे।

जीतने के बाद कप्तान नहीं बदला जाना चाहिए
सिंहदेव ने कहा, यह स्थिति है और जाहिर तौर पर अगर हम इस स्थिति में जीतते हैं, तो वह (बघेल) मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किए जाने वाले पहले व्यक्ति होंगे। अपनी इस टिप्पणी पर जोर देते हुए कि छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री ने कहा, निश्चित रूप से बघेल मुख्यमंत्री बनने की कतार में पहले स्थान पर होंगे। यदि आप निवर्तमान मुख्यमंत्री हैं, तो आपको हटाया नहीं गया है, इसलिए पार्टी का विश्वास है कि आप टीम को जीत दिलाने में सक्षम होंगे और जीतने के बाद, कप्तान को क्यों बदला जाना चाहिए।

डिप्टी सीएम रहेंगे या नहीं, तय करेगा आलाकमान
यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस जीतती है तो क्या वह डिप्टी सीएम पद पर बने रहेंगे? सिंहदेव ने कहा कि यह सब आलाकमान को तय करना है। उन्होंने कहा, कि वे जो भी जिम्मेदारी देंगे, हम उसे स्वीकार करेंगे और हमें उन्हें पूरी शालीनता के साथ स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। कुछ कथित वादों के संदर्भ में कुछ कमियां हो सकती हैं जो पूरी नहीं हुई होंगी, लेकिन कुल मिलाकर सरकार ने अच्छा काम किया है। सिंहदेव ने कहा, मैं 10 में से सात रेटिंग दूंगा और फिर से सत्ता में वापस आने की बहुत अच्छी संभावना है।

प्रदर्शन में कमी होती तो सत्ता विरोधी लहर होती
सत्ता विरोधी लहर के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता सिंहदेव ने कहा कि अगर प्रदर्शन में कमी होती तो सत्ता विरोधी लहर होती। उन्होंने कहा, जहां प्रदर्शन होता है वहां सत्ता विरोधी भावना नहीं होती। किसानों, वनवासियों, शिक्षा, अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों, बिजली रियायत, शहरी क्षेत्रों में भी कई पहलों के मोर्चे पर प्रदर्शन रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।

मतदाता चाहेंगे तो अंबिकापुर से चुनाव लडूंगा
यह पूछे जाने पर कि क्या वह फिर से अंबिकापुर से चुनाव लड़ेंगे? इस पर सिंहदेव ने कहा कि अगर उनकी सीट के मतदाता उन्हें चुनाव लड़ना चाहेंगे तो यह उनकी पहली प्राथमिकता होगी और वह उस पर उनकी राय लेंगे। उन्होंने कहा, मैं ऐसा करने की प्रक्रिया में हूं। अगर पार्टी मुझे टिकट देती है तो उन्हें मुझे उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करना होगा। पहले निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता हैं और फिर पार्टी। अगर दोनों हैं, तो कोई निश्चित रूप से चुनाव लड़ने के बारे में सोचेंगे।

पूरी टीम फाइनल जीतने के लिए तैयार
यह पूछे जाने पर कि कप्तान और उप-कप्तान के निर्णय के बाद क्या टीम फाइनल जीतने के लिए तैयार है? टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह सिर्फ कप्तान और उप-कप्तान नहीं है, यह पूरी टीम है। उन्होंने कहा कि हमारे पास अन्य सभी वरिष्ठ खिलाड़ी, पार्टी के सभी कार्यकर्ता हैं। हमें इसे एक साथ करना होगा, जैसा कि हमने पिछली बार किया था। जितना अधिक हम इसे एक साथ करेंगे, उतनी अधिक सफलता मिलेगी। 

पिछले महीने ही सिंहदेव बनाए गए हैं डिप्टी सीएम
सिंहदेव को पिछले महीने उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। 2018 में राज्य में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से वह और मुख्यमंत्री बघेल सत्ता के लिए संघर्ष में लगे हुए थे। पूरे कार्यकाल के दौरान यह चर्चा रही कि पार्टी नेतृत्व ने वादा किया था कि वह और बघेल बारी-बारी से ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद संभालेंगे। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने इस पर कभी सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा। कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सत्ता बरकरार रखना चाहती है और पार्टी इकाई में एकता का अनुमान लगा रही है।