सुराजपुर में एक बकरे ने मौत का बदला मौत से लिया। बकरे की आंख उसे बली देने वाले के गले में फंस गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
रायपुर – छत्तीसगढ़ में एक बकरे ने मरने के बाद भी बली चढ़ाने वाले से मौत का बदला मौत के रूप में लिया। जिस व्यक्ति ने बकरे की बली दी उसने मांस पकने के बाद बकरे की आंख खाने की कोशिश की। आंख गले में फंस गई, जिससे वह यमराज के द्वार पहुंच गया।
घटना रविवार को छत्तीसगढ़ के सुराजपुर जिले में घटी। 50 साल के बागड़ साई नाम के व्यक्ति ने मन्नत पूरी होने पर बकरे की बली दी थी। वह मदनपुर गांव का रहने वाला था। वह रविवार को परिवार के लोगों और ग्रामीणों के साथ खोपा धाम गया था। उसने धाम में बकरे की बली थी। इसके बाद बकरे को लेकर गांव आ गया।
बकरे की बली से गांव में था जश्न का माहौल
बकरे की बली से गांव में जश्न का माहौल था। बकरे के मांस के टुकड़े-टुकड़े किए गए। इसके बाद मांस पकाया गया। बकरे के सिर को भी पकाया गया। मांस पक जाने के बाद गांव के लोग एक साथ बैठकर खाने लगे। परिवार और गांव के लोग बड़े चाव से बकरे का मांस खा रहे थे। इसी दौरान बागड़ साई भी खाना खाने बैठ गया।
गले में फंस गई बकरे की आंख
बागड़ ने बकरे की बली दी थी। इसलिए उसे खाने के लिए बकरे का सिर ऑफर किया गया। बागड़ ने सीधे बकरे की आंख पर निशाना लगाया और उसे निकाल लिया। उसने जोश में आंख मुंह में रखा और निगलने की कोशिश की। आंख बागड़ के गले में फंस गई। वह न आंख को निगल पा रहा था और न उगल पा रहा था।
परिजन ले गए अस्पताल, तब तक हो गई मौत
गले में आंख फंसने से उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगे। वह तड़पने लगा। आसपास मौजूद लोगों और परिजनों ने बागड़ से गले से बकरे की आंख निकालने की कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे। आनन-फानन में परिजन बागड़ को लेकर जिला अस्पताल गए, लेकिन घर से अस्पताल की दूरी बागड़ की जान पर भारी पड़ी। डॉक्टर गले में फंसे बकरे की आंख निकालने की कोशिश करते इससे पहले ही बागड़ के सांसों की डोर टूट गई थी। बागर की मौत से परिजनों में चीख-पुकार मच गई। वहीं, जिस गांव में चंद घंटे पहले जश्न था वहां मातम फैल गया।