मणिपुर में भाजपा की लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी के एक दिन बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्यपाल ला गणेशन से मुलाकात की और अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
मणिपुर – मणिपुर में भाजपा की लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी के एक दिन बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्यपाल ला गणेशन से मुलाकात की और अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि राज्यपाल ने उन्हें नई सरकार के कार्यभार संभालने तक अपने पद पर बने रहने के लिए कहा है. राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अन्य मंत्रियों और विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और अपना त्याग पत्र सौंपा. बाद में एन. बीरेन सिंह ने ट्वीट किया, “आज (शुक्रवार) मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा देने के लिए राजभवन में मणिपुर के माननीय राज्यपाल से मुलाकात की. अब मैं कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करूंगा.”
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मणिपुर दौरे पर हैं। वहां राहुल गांधी हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। राहुल गांधी भी दोपहर डेढ़ बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। ऐसे में राहुल गांधी के दौरे के बीच मणिपुर में बड़ी राजनीतिक हलचल होती दिखाई दे रही है।
प्रधानमंत्री के साथ ही देश भर के कई केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं द्वारा भेजे गए सैकड़ों बधाई संदेशों का जवाब देते हुए, एन. बीरेन सिंह ने ट्वीट किया, “राज्य में शांति और विकास लाने में उनके मार्गदर्शन और अथक प्रयासों के लिए पूरी पार्टी के कार्यकर्ता हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आभारी हैं. इस निर्णायक जीत के साथ, हम आपके कुशल नेतृत्व में और अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं.”
सूत्रों ने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व एक-दो दिन में नेतृत्व पर फैसला कर सकता है. भाजपा ने पहले दो चरणों के चुनाव (28 फरवरी और 5 मार्च को) से पहले अनौपचारिक रूप से घोषणा की थी कि सिंह पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे और अगली सरकार का नेतृत्व करेंगे.
पूर्वोत्तर क्षेत्र में, असम के बाद भाजपा ने अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करते हुए, मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता बरकरार रखी है. कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले 61 वर्षीय नेता ने लगातार पांचवीं बार अपने चुनावी गढ़ हिंगांग विधानसभा क्षेत्र को बरकरार रखा है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार पंगीजाम शरतचंद्र सिंह को 18,271 मतों के अंतर से हराया.
लंबे समय से जारी हिंसा ने बढ़ाई एन बीरेन सिंह की मुश्किलें
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राज्य के नौ विधायकों ने भी बीते दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय में पीएम मोदी के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। विधायकों ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार जनता के बीच अपना भरोसा खो चुके हैं। एन बीरेन सिंह पर आदिवासी विरोधी एजेंडे को बढ़ाने के आरोप लग रहे हैं। बीते दिनों जब केंद्र सरकार ने मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए शांति समिति गठित की थी तो उसमें भी शामिल किए गए कई लोगों ने एन बीरेन सिंह के नेतृत्व के खिलाफ असंतोष जाहिर किया था और मुख्यमंत्री को शांति समिति में शामिल करने का विरोध किया था।
मणिपुर में मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसके खिलाफ बीती तीन मई को हिंसा भड़की थी और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। हजारों लोगों को हिंसा की वजह से विस्थापन झेलना पड़ा है और राज्य की कानून व्यवस्था बेपटरी हो गई है। केंद्र सरकार ने मणिपुर में जारी हिंसा पर बीते दिनों सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी और राजनीतिक पार्टियां भी मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं। केंद्र सरकार की कई कोशिशों के बाद भी राज्य में शांति व्यवस्था बहाल नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग उठ रही थी और अब जब सीएम राज्यपाल से मुलाकात करने जा रहे हैं तो उनके इस्तीफे की अटकलों को बल मिल गया है।