पुल का निर्माण कार्य 11 नंबर 2020 को शुरू हुआ था। 16 महीने यानी की 11 अप्रैल 2022 को इसकी निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी भी काम जारी था। पुल निर्माण कंपनी अमर इंफ्रास्ट्रक्चर से अनुबंध हो रहा था।
दुर्ग – धमधा ब्लाक के संगनी घाट में बन रहा पुल पहली ही बारिश में बुधवार को बह गया। इस पुल का निर्माण 16.40 करोड़ की लागत से किया जा रहा था। शिवनाथ नदी का जल स्तर बढ़ने पर स्थानीय लोग देखने के लिए गए थे। इसी दौरान पुल ताश के पत्तों की तरह नदी में समा गया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई हादसा नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि घटिया निर्माण के चलते पुल गिरा है। इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी मौके पर न तो पीडब्ल्यूडी का कोई अधिकारी पहुंचा न ही ठेकेदार।
ब्रिज की गुणवत्ता और मजबूती को लेकर उठ रहे सवाल
सगनी गांव के निवासी इतवारी राम साहू का कहना है कि निर्माण घटिया स्तर का हो रहा है। बुधवार सुबह वो लोग नदी का जल स्तर देखने के लिए आए थे। तभी देखा कि ब्रिज का सिल्ली गांव की तरफ का एप्रोच पुल बह गया। लोहे की बड़ी-बड़ी सेंटरिंग प्लेट और सपोर्ट पूरा नदी के पानी में समा गया। गांव के लोग काफी डरे हुए है। अब उन्हें लगता है कि पूरा ब्रिज कमजोर है और कभी भी गिर सकता है।
संगनी घाट पर 400 मीटर लंबा पुल सिल्ली और ननकट्टी को जोड़ने के लिया बनाया जा रहा है। इस संगनी घाट को त्रिवेणी संगम के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर शिवनाथ नदी, आमनेर नदी और संगनी नाला एक साथ मिलते है। पुल का निर्माण कार्य 11 नंबर 2020 को शुरू हुआ था। 16 महीने यानी की 11 अप्रैल 2022 को इसकी निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी भी काम जारी था। पुल निर्माण कंपनी अमर इंफ्रास्ट्रक्चर से अनुबंध हो रहा था।