राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सूरीनाम और सर्बिया की छह दिवसीय यात्रा पर निकल गईं हैं. वह दोनों देशों के बीच भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर देंगी.
नई दिल्ली – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को सूरीनाम और सर्बिया की छह दिवसीय यात्रा के लिए राष्ट्रीय राजधानी से रवाना हुईं.
सूरीनाम के लिए यह उनकी पहली यात्रा है. पदभार संभालने के बाद से उनकी यह पहली राजकीय यात्रा भी है. इससे पहले शुक्रवार को विदेश मंत्रालय (MEA) के सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति मुर्मू 4 से 9 जून तक सूरीनाम और सर्बिया की यात्रा पर रहेंगी.
राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा के सूरीनाम चरण के बारे में जानकारी देते हुए, उन्होंने कहा कि वह सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी के निमंत्रण पर 4-6 जून के लिए राजकीय यात्रा पर सूरीनाम में होंगी. यह उनकी सूरीनाम की पहली यात्रा होगी. यह यात्रा ऐतिहासिक महत्व रखती है. राष्ट्रपति सूरीनाम में भारतीयों के आगमन की 150 वीं वर्षगांठ समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि होंगी. यह 5 जून को मनाया जाएगा.
राष्ट्रपति के साथ उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और सांसद रमा देवी के साथ-साथ एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है. राष्ट्रपति सूरीनाम के राष्ट्रपति संतोखी के साथ आधिकारिक वार्ता करेंगे. सौरभ कुमार ने ब्रीफिंग के दौरान कहा, राष्ट्रपति सूरीनाम में भारतीयों के आगमन की याद में कई गतिविधियों में भाग लेंगी और उस देश में उनके इतिहास से जुड़े स्थलों का दौरा करेंगी. राष्ट्रपति भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगी.’
– राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नेपाल को बताया भारत की प्राथमिकता
भारत से सूरीनाम की आखिरी राष्ट्रपति यात्रा 2018 में हुई थी. विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) ने कहा, भारत, सूरीनाम संबंध गर्म और मैत्रीपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि भारत, सूरीनाम के द्विपक्षीय संबंध व्यापार और वाणिज्य, विकास, साझेदारी, क्षमता निर्माण, कृषि और लोगों के बीच संबंधों जैसे क्षेत्रों तक फैले हुए हैं. सूरीनाम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का समर्थन करता रहा है.’