Home छत्तीसगढ़ CM हाउस पहुंचे दो शंकराचार्य – मुख्यमंत्री भूपेश ने किया स्वागत, महाराज...

CM हाउस पहुंचे दो शंकराचार्य – मुख्यमंत्री भूपेश ने किया स्वागत, महाराज को आसन पर बैठाकर पत्नी संग नीचे बैठे

48
0

रायपुर – छत्तीसगढ़ में तीन शंकराचार्य प्रवास पर आए हुए हैं। एक तरफ गोवर्धन मठ पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती रायपुर के अपने बोरियाकला स्थित आश्रम में पहुंचे हुए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सोमवार को अपने निवास में पधारे शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज और ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का आत्मीय स्वागत किया। सीएम ने दोनों शंकराचार्य का सपरिवार विधि विधान से पादुका पूजन कर आशीर्वाद लिया। प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

इस दौरान कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े, चन्द्रदेव राय, विधायक खेलसाय सिंह, रामपुकार सिंह, विनय जायसवाल, गुलाब कमरो, विनय भगत, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा और विनोद वर्मा उपस्थित रहे।

विधायक बृजमोहन अग्रवाल के निवास भी पहुंचे दोनों शंकराचार्य
द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और ज्योतिषपीठाधीश्वर बद्रीनाथ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज आज सोमवार को प्रदेश के पूर्व धर्मस्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल के निवास पर पहुंचे। इस दौरान अग्रवाल परिवार ने शंकराचार्यों का अभिनंदन किया। उनका चरण पूजन कर आशीर्वाद लिया। विधि-विधान से पूजा अर्चना कर अपने परिवार और प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

धर्मांतरण के लिए राज्यपाल और सरकार दोषी: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
गोवर्धन मठ पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बीते दिनों रविवार को छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते धर्मांतरण के लिए राज्य सरकार और राज्यपाल को दोषी माना है। शंकराचार्य ने कहा कि राज्यपाल और राज्य सरकार अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं करते है, इसलिए धर्मांतरण बढ़ रहा है। हिन्दुओं को सेवा के नाम पर अल्पसंख्यक बनाया जा रहा है। इसके लिए हिन्दू खुद ही जिम्मेदार हैं। अपनी समस्या का निदान मिलकर करिए

उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए एक समिति का गठन कीजिए। जिसमें विधायक, सांसद और पार्षद को जोड़िए। उनसे हर तीन महीने में उनके कार्यों के बारे में जानकारी लीजिए। वहीं राम के नाम पर सियासत करने पर कहा कि राजनीति राजधर्म का ही नाम है। परोपकार, सेवा और संयम धर्म की सीमा है। धर्म की सीमा का अतिक्रमण कर राजनीति नहीं करनी चाहिए। इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

‘मैं हस्ताक्षर कर देता तो उसी समय मंदिर और मस्जिद बन जाता’
पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण को लेकर कहा कि अभी पीएम मोदी और सीएम योगी श्रेय ले रहे हैं। 
यदि नरसिंह राव के कार्यकाल में ‘मैं हस्ताक्षर कर देता तो उसी समय मंदिर और मस्जिद बन जाता’। शंकराचार्य ने रायपुर में 16 जून को होने वाले धर्मसभा में तीन मठों के मठाधीशों के आने पर कहा कि उन्हें मान्यता आप देंगे? कोई भी शंकराचार्य बनकर आ जाएगा तो उसे शंकराचार्य थोड़ी ही मान लेंगे। पूर्व में शंकराचार्य ने अपने जीवन काल में किसी को जीवित समय में शंकराचार्य घोषित नहीं किया, पुराने तो मेरे परिचित थे। नए मेरे परिचित नहीं हैं

16 जून को रायपुर में होगी धर्म सभा, जुटेंगे तीन मठ के शंकराचार्य
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 81 वां प्राकट्य महोत्सव मनाने की तैयारी जोरों पर चल रही है। समाजसेवी बसंत अग्रवाल ने बताया कि रावाभाठा में शंकाराचार्य के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस पर 81वां प्राकट्य महोत्सव मनाया जाएगा। 16 जून को महाराज के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए रुद्राभिषेक एवं कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसमें 11 हजार लोग शामिल होंगे। इसके साथ ही शंकराचार्य आश्रम में धर्म सभा का आयोजन होगा। इसमें 21 हजार लोग शामिल होंगे।