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झीरम कांड – भूपेश बघेल बोले- नक्सली कमांडर रमन्ना और गणपति का नाम FIR से क्यों हटाया

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 झीरम घाटी नक्सल हमले की 9वीं बरसी पर भूपेश बघेल ने किया स्मारक का अनावरण, भाजपा पर लगाए कई आरोप

झीरम हमले की बरसी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि जांच में क्यों लापरवाही बरती गई। कहा कि, जब एफआईआर कराई जाती है तो एनआईए कोर्ट से स्टे ले आती है। नरेंद्र मादी के प्रधानमंत्री बनते ही दंडकारण्य कमेटी की घटना मानकर जांच क्यों बंद कर दी गई। 

रायपुर – छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुए झीरम घाटी हत्याकांड के गुरुवार को 10 साल हो गए हैं। इसे लेकर एक बार फिर सियायत गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमले और जांच को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सीएम बघेल ने कहा कि, झीरम मामले में नक्सली लीडर रमन्ना और गणपति का एफआईआर से नाम क्यों हटाया गया। नक्सली कमांडर को क्यों बचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, जब केंद्र में हमारी सरकार आएगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। 

झीरम हमले की बरसी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि जांच में क्यों लापरवाही बरती गई। कहा कि, जब एफआईआर कराई जाती है तो एनआईए कोर्ट से स्टे ले आती है। कहा कि, हमने जो हमने सवाल उठाए हैं, उसका जवाब भाजपा दे। उन्होंने पूछा कि, नरेंद्र मादी के प्रधानमंत्री बनते ही दंडकारण्य कमेटी की घटना मानकर जांच क्यों बंद कर दी गई। 

सीएम ने कहा- अनसुलझे सवाल आज भी जिंदा
मुख्यमंत्री बघेल ने झीरम हमले में मारे गए और शहीदों को नमन कर विनम्र श्रद्धांजलि दी है। कहा कि, झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद हमारे नेताओं और जवानों की शहादत को हम सबका प्रणाम। आज पूरा प्रदेश जब झीरम श्रद्धांजलि दिवस मना रहा है, तब सब अनसुलझे सवाल आज भी जिंदा हैं। हम सब राज्य को शांति का टापू बनाने की अपनी शपथ को दोहराते हैं।

बस्तर दौरे पर आज पहुंचेंगे सीएम बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बस्तर दौरे पर भी रहेंगे। वे झीरम हमले में मारे गए कांग्रेस नेताओं और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देंगे। इसके लिए वह लाल बाग मैदान में बनाए गए झीरम मेमोरियल पहुंचेंगे। यहां पर महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल समेत अन्य नेताओं की प्रतिमा लगी हुई है। जिसके बाद वे धरमपुरा के कृषि कॉलेज में शहीद गुंडाधुर की प्रतिमा का अनावरण करने जाएंगे। साथ ही जिला कलेक्ट्रेट में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। 

भाजपा सरकार ने जांच में लगाया अडंगा
उन्होंने कहा कि घटना के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा की गई जांच संतोषजनक नहीं थी, जब हमने साजिश के बारे में जांच के लिए एक नई पुलिस जांच शुरू की और मामले को एनआईए से वापस मांगा तो केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इनकार कर दिया। इतना ही नहीं नई पुलिस जांच के खिलाफ एनआईए उच्च न्यायालय पहुंच गई।

सीएम भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी को घेरते हुए आगे कहा कि भाजपा के के नेता राज्य सरकार की जांच के खिलाफ कोर्ट गए हैं।  ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि उन्हें आखिर क्या परेशानी है जो वह राज्य सरकार को जांच को करने से रोक रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम नक्सल हमले के समय छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी। उन्होंने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा नहीं दी और हमेशा जांच को प्रभावित करती रही।

भले ही हमारे नेता हमारे बीच नहीं, लेकिन बना रहेगा मार्गदर्शन
उन्होंने ट्वीट करके कहा कि शहीदों के परिजनों के साथ हम सब हर सुख-दुःख में खड़े हैं। हमारे नेता हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका मार्गदर्शन बना हुआ है। यदि आज हमारे नेता जीवित होते, तो निश्चित रूप से वो खुशी जाहिर करते कि जहां लाल आतंक के साये में बस्तर दहक रहा था, आज वो बस्तर शांति की ओर लौट रहा है। वो जहां भी होंगे, निश्चित रूप से इस बात को देखकर खुश हो रहे होंगे और सबको आशीष दे रहे होंगे।

2013 में हुई थी घटना
गौरतलब है कि 25 मई 2013 को माओवादियों ने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की ‘परिवर्तन रैली’ के दौरान झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, विपक्ष के पूर्व नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित 32 लोग मारे गए थे।

राहुल गांधी ने भी किया ट्वीट
राहुल गांधी ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि हम अपने नेताओं की शहादत को कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने लिखा, ‘2013 में झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में हमने अपने कई कांग्रेस के साथियों और जवानों को खो दिया था। हम अपने देशभक्त साथियों की वीरता को सलाम करते हैं, उनकी शहादत हम कभी नहीं भूल सकते।’