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छत्तीसगढ़ में बड़ा नक्सली हमला नाकाम: 50 किलो IED बरामद, पांच फीट नीचे था प्लांट; इसी तरह हुआ था अरनपुर अटैक

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क्सलियों ने बीच सड़क पर आठ फीट लंबाई-चौड़ाई और पांच फीट गहराई में फॉक्स होल बनाया था। इसमें 25-25 किलो के आईईडी विस्फोटक दो प्लास्टिक कंटेनर में सीरीज से लगाए गए थे। 

बीजापुर – छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सलियों ने बड़े हमले की साजिश रची थी। हालांकि समय रहते जवानों ने इसे नाकाम कर दिया। जवानों ने 50 किलो आईईडी बरामद किया है। इसे सड़क से पांच फीट नीचे फॉक्स होल बनाकर दबाया गया था। सीरीज में जुड़े इन विस्फोटकों में अगर ब्लास्ट होता तो बड़ा नुकसान हो सकता था। करीब एक महीने पहले 26 अप्रैल को भी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के अरनपुर में इसी तरह से ब्लास्ट किया था। उसमें भी 50 किलो आईईडी का इस्तेमाल हुआ। हमले में 10 जवान शहीद हो गए थे।

 फॉक्स होल बनाकर सीरीज में लगाए गए थे विस्फोटक
जानकारी के मुताबिक, थाना आवापल्ली से बुधवार को सीआरपीएफ 168 और 222वीं बटालियन के जवान सर्चिंग पर निकले थे। इस दौरान आवापल्ली-बासागुड़ा मार्ग पर दुर्गा मंदिर के पास जवानों ने आईईडी बरामद की। नक्सलियों ने बीच सड़क पर आठ फीट लंबाई-चौड़ाई और पांच फीट गहराई में फॉक्स होल बनाया था। इसमें 25-25 किलो के आईईडी विस्फोटक दो प्लास्टिक कंटेनर में सीरीज से लगाए गए थे। जवानों ने मौके पर ही इसे सर्चिंग के दौरान पकड़ लिया और बीडीएस की टीम ने इसे निष्क्रीय कर दिया। 

छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर भी पकड़ा गया विस्फोटक 
एक दिन पहले ही मंगलवार को छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर जवानों ने 10 नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से ट्रैक्टर भरकर विस्फोटक बरामद हुआ है। बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक भरकर बड़े माओवादी लीडरों के पास ले जाया जा रहा था। यह भी सामने आया है कि इस विस्फोटक का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ या फिर तेलंगाना में हमले के लिए होना था। यह इस साल के सबसे बड़े नक्सली हमले की तैयारी मानी गई। पकड़े गए नक्सलियों में पांच बीजापुर के रहने वाले थे।

दंतेवाड़ा हमले में तीन हेडकांस्टेबल सहित 10 जवान हुए शहीद
करीब एक माह पहले 26 अप्रैल को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के अरनपुर में हमले को अंजाम दिया था। उस दिन भी बुधवार था और 50 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था। इसमें तीन हेडकांस्टेबल सहित 10 जवान शहीद हुए थे। जबकि एक नागरिक की भी मौत हो गई थी। सभी जवान डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के थे। नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर जवान सर्चिंग के लिए निकले थे। सर्चिंग से लौटने के दौरान नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया। इसकी चपेट में जवानों का वाहन भी गया।