Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में 45 डिग्री के करीब पहुंचा तापमान – भीषण गर्मी और...

छत्तीसगढ़ में 45 डिग्री के करीब पहुंचा तापमान – भीषण गर्मी और लू को लेकर कई जिलों में अलर्ट

56
0

रायपुर – छत्तीसगढ़ में गर्मी के तेवर तल्ख हो रहे हैं। कल से सूरज की तपीश और ज्यादा बढ़ने वाली है। मौसम विभाग ने राजधानी रायपुर और बिलासपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में तापमान 45 डिग्री के करीब पहुंच गया है। शुक्रवार को तिल्दा और सक्ती दोनों ही जगह 44.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया वहीं रायपुर का तापमान 42 डिग्री रहा। मौसम विभाग के मुताबिक तापमान में 1 से 2 डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है। इन जिलों को रहना होगा अलर्ट

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 21 मई को बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर, बलौदाबाजार, दुर्ग और रायपुर में लू चलने की आशंका है। इसी तरह 22 मई कोरबा, मुंगेली और बिलासपुर जिले में लू का अलर्ट जारी किया गया है।

ग्रीष्मऋतु के मौसम में तापमान में वृद्वि के चलते भीषण गर्मी पड़ने तथा नागरिकों को लू लगने की संभावना है। जिससे आम जन जीवन व स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने आवश्यक सावधानी बरतने की अपील आम नागरिकों से की है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

लू के लक्षण

सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर  और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख न लगना व बेहोश होना आदि लक्षण शामिल है।

लू से बचाव के उपाय

इसके लिए बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जाये। धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले। पानी अधिक मात्रा में पिये। अधिक समय तक धूप में न रहे। गर्मी के दौरान मुलायम सूती कपड़े पहने ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ. आर. एस. घोल पिये। चक्कर, उल्टी आने पर छायादार स्थान पर विश्राम करें। शीतल पेय जल पिये, फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श ले। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से जरूरी सलाह ले।

लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार

बुखार से पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगायें, कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि, पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटायें, शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें, पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में उपचार हेतु ले जायें, आंगनबाड़ी मितानिन तथा ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. की पैकेट के लिए संपर्क करें।

क्या करें

भीषण गर्मी में लू से बचाव हेतु पर्याप्त पानी पीये भले ही प्यास न लगे, मिर्गी या हृदय, गुर्दे या लीवर से संभावित रोग वाले जो तरल प्रतिबंधित आहार लेते हो या जिनको द्रव्य प्रतिधारण की समस्या है, उनको तरल सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने। अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस घोल, घर के बने पेय जैसे- लस्सी, नींबू का पानी, छाछ आदि का सेवन करें।

क्या न करें

धूप में बाहर जाने से बचे, नंगे पाँव बाहर न जाए, दोपहर के समय खाना पकाने से बचे, शराब, चाय, कॉफी और कार्बाेनेटेड शीतल पेय से बचे, ये शरीर को निर्जलित करते हैं। अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचे।

सावधानियां

जितना हो सके घर के अंदर रहे, नमक, जीरा, प्याज का सलाद और कच्चे आम जैसे पारंपरिक उपचार हीट स्ट्रोक को रोक सकते हैं। बंद वाहन में बच्चे और पालतू जानवरों को अकेला न छोडे, पंखे और नम कपड़े का प्रयोग करे। डंडे पानी में स्नान करे। अपने घर या कार्यालय में आने वाले विक्रेताओं तथा सामान पहुंचाने वाले लोगों को पानी पिलाये और पेड़ लगाये, सूखी पत्तियों, कृषि अवशेषों तथा कचरें को न जलायें।