रायपुर – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी की तुलना भस्मासुर से की है. उन्होंने ईडी और बीजेपी पर सांठगांव का आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों मिले हुए हैं. ईडी की प्रेस विज्ञप्ति बाद में जारी होती है, यहां पहले रमन सिंह जानकारी जारी कर देते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी जहां कहती है, ईडी वहीं रेड डालती है. एक भी बीजेपी नेता के यहां अब तक छापा नहीं पड़ा. ईडी को कैसे पता कि कौन बीजेपी का है और कौन कांग्रेसी.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी और बीजेपी का गठबंधन है और ईडी उनके एजेंट के रूप में काम कर रही है. बीजेपी ने उन्हें अभयदान देकर भस्मासुर बना दिया है. अगर ईडी गलत करती है तो उन पर कार्रवाई कौन करेगा. उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं कर सकता. कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट गए थे लेकिन ईडी वहां से और पावरफुल होकर निकल गई. ईडी के अधिकारी कुछ भी कर रहे हैं. मारपीट कर रहे हैं. रात भर जगा रहे हैं, खाना दे रहे हैं, तो पानी नहीं दे रहे हैं. इसमें मानव अधिकार वाले भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि अगर शिकायत करेंगे तो उनके खिलाफ केस बनाकर बिठा देंगे.
सीएम ने कहा जैसे भगवान शिव ने भस्मासुर को वरदान दिया था वैसे ही इन्होंने ईडी को दिया है. संभावना है कि ईडी ही वरदान देने वालों के पीछे ही ना पड़ जाए. जो अति है, उसका अंत होता है. पाप का घड़ा अभी बचा है, जैसे ही लबालब होगा छलकना शुरू हो जाएगा.
प्रदेश में ईडी की लगातार कार्रवाई को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने निशाना साधते हुए कहा कि जैसे गली मोहल्लों में लोग घूमते हैं. वैसे ही छत्तीसगढ़ के गली मोहल्लों में ईडी और सीबीआई घूम रही है. उन्होंने कहा कि पहले ईडी के पहुंचने पर लोग सोचते थे कि प्रतिष्ठा कम हो गई, लेकिन अब कर्नाटक चुनाव खत्म होने के बाद सब रायपुर आयेंगे और पूरा टारगेट छत्तीसगढ़ होगा.
नक्सलियों से शांति वार्ता को लेकर कहा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों से बातचीत को लेकर कहा कि बस्तर के निवासी, वहां के आदिवासी, नौजवान, किसान और पत्रकारों से मैं बात करूंगा. जहां तक नक्सलियों से बात करने की बात है हम शुरू से कह रहे हैं कि भारत के संविधान में विश्वास व्यक्त करें उसके बाद किसी भी मंच में बात करने के लिए हम तैयार हैं.
कर्नाटक में ऑपरेशन कमल का जनता ऑपरेशन कर देगी.
कर्नाटक इलेक्शन अब खत्म हो गए हैं. ऐसे में बीजेपी की सरकार बनाने की कवायद ऑपरेशन कमल को लेकर सीएम ने कहा कि इसका साफ मतलब है कि बीजेपी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. कहीं छत्तीसगढ़ जैसे रिजल्ट आ गया तो ऑपरेशन कमल कहां हो पाएगा. वे 14 है और कांग्रेस 71 फिर क्या ऑपरेशन कर लेंगे. इस समय कर्नाटक की जनता ने ठान लिया है. 150 पार जाना है, उसके बाद कुछ ऑपरेशन नहीं होना है. जनता ऑपरेशन कर देगी.