नई दिल्ली – दिल्ली में अधिकारियों के तबादले के मुद्दे पर फिर पेंच फंस गया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आम आदमी पार्टी की सरकार प्रशासनिक अधिकारी का तबादला नहीं कर पा रही है। जिसके बाद आप ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। आप की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट नई पीठ के गठन के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते नई पीठ का गठन करेगा, जो आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुनवाई करेगी।
अब क्या है विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने एक अहम आदेश में कहा था कि अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेगा। वहीं दिल्ली में कानून व्यवस्था, सार्वजनिक व्यवस्था और जमीन से जुड़े मुद्दे और पुलिस पर केंद्र सरकार का अधिकार होगा। पांच जजों वाली संविधान पीठ ने कहा कि दिल्ली देश के अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तरह केंद्र शासित प्रदेश नहीं है और दिल्ली सरकार के पास सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं। उपराज्यपाल बनाम दिल्ली सरकार मामले में इसे दिल्ली सरकार की जीत माना गया और इसके साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले का रास्ता साफ हो गया।
सुप्रीम कोर्ट पहुंची आप सरकार
सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने दिल्ली सरकार सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे का तबादला कर दिया। आप सरकार मोरे की जगह 1995 बैच के आईएएस अधिकारी और दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सीईओ एके सिंह को सेवा विभाग का सचिव बनाना चाहती है। हालांकि आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार मोरे के तबादले को लागू ही नहीं कर रही है। यही वजह है कि आप सरकार ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
आप सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने कहा कि केंद्र के फैसले से कोर्ट की अवमानना हो सकती है। आप की याचिका पर सुनवाई के बाद देश के मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले पर सुनवाई के लिए अगले हफ्ते तक नई पीठ का गठन करने की बात कही है। बता दें कि 2014 के बाद से ही दिल्ली के उपराज्यपाल और आप सरकार के बीच तनातनी चल रही है।