छत्तीसगढ़ में बजरंग दल और बजरंग बली के मुद्दे पर सियासत गरमाई हुई है। प्रदेश की राजनीति गर्म है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक दूसरे पर हमलावर हैं। जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने सीएम भूपेश के बजरंग दल पर जरूरत पड़ने पर बैन करने के बयान पर पलटवार किया है।
रायपुर – छत्तीसगढ़ में बजरंग दल और बजरंग बली के मुद्दे पर सियासत गरमाई हुई है। प्रदेश की राजनीति गर्म है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक दूसरे पर हमलावर हैं। जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने सीएम भूपेश के बजरंग दल पर जरूरत पड़ने पर बैन करने के बयान पर पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि सीएम भूपेश बघेल गांधी परिवार को खुश करने के लिए राज्य की जनता के भावनाओं को आघात पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले कांग्रेसी अब हनुमान जी और उनके संगठन पर बैन करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेसियों को बजरंग दल के इतिहास का एक बार अध्ययन जरूर करना चाहिए। जिन्हें भगवान राम के प्रति स्नेह न हो तो वह पवन पुत्र बजरंगबली से कैसे प्रेम कर सकते हैं।
‘ सीएम का भगवान राम के प्रति केवल दिखावा’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भगवान राम के प्रति केवल मात्र दिखावा है। उनकी पूरी आस्था तो गांधी परिवार के प्रति है, जो हमेशा सनातनी जीवन संस्कृति का विरोध करते रहे हैं। यही कारण है पूरे देश में बजरंगदल पर प्रतिबंध लगाने की बात कांग्रेस कह रही है।
नक्सलवाद और सीमी पर ध्यान दें सीएम भूपेश
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भगवान राम हमारे आराध्य हैं, हनुमान जी हमारे संकटमोटक हैं। जीवन के हर परिस्थिति में हर सनातनी भगवान राम के त्याग और हनुमान जी की प्रतिबध्दता से प्रेरणा लेता है। इन सबसे कोसों दूर कांग्रेस हमेशा सनातनी समाज के साथ राजनीति कर अपने वोट बैंक को ही ध्यान रखती है। प्रदेश में प्रदेश में बजरंगदल पर प्रतिबंध के बजाय मुख्यमंत्री बघेल को नक्सलवाद और सीमी जैसे कथित संस्थाओं पर प्रतिबंध और उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर चिंता करनी चाहिए।