हरा सोना की सुरक्षा के लिए गांव -गांव में सुबह 4 बजे से दोपहर 3 बजे तक महिलाएं पुरूष बच्चे कर रहे है रखवाली
हर वर्ष 01 मई से खरीदी हो जाता था प्रारंभ, मौसम की बेरूखी के चलते अब तक नही हो पाया खरीदी प्रारंभ
गरियाबंद – छत्तीसगढ़ प्रदेश के गरियाबंद जिले में आज 05 मई तक तेंदूपत्ता हरा सोना की खरीदी प्रारंभ नही होने से लाखो आदिवासी एवं वनांचल में निवास करने वाले ग्रामीण परिवार की चिंताएं बढ़ गई है हर वर्ष 01 मई मजदूर दिवस के दिन से प्रदेश में हरा सोना की खरीदी प्रारंभ हो जाता था लेकिन इस वर्ष मौसम की बेरूखी बारिश आंधी तूफान के कारण तेंदूपत्ता खरीदी में संकट के बादल मंडरा रही है ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वनोपज के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले हरा सोना तेंदूपत्ता है क्योकि इसके संग्रहण और इससे मिलने वाली आय से एक परिवार का लगभग 06 माह का गुजर बसर चल जाता है और तो और बच्चे के पढ़ाई लिखाई के साथ शादी विवाह में इस राशि का बेहतर उपयोग ग्रामीण करते है।
एक ओर जहां अब तक हरा सोना की खरीदी प्रारंभ नही हुई है वही दूसरी तरफ हरा सोना संग्रहण को लेकर पिछले 4 -5 दिनों से क्षेत्र के ग्रामो में विवाद और झगड़ा की स्थिति निर्मित हो गई है आलम यहां तक देखने को मिल रहा है अपने गांव के जंगल के तेंदूपत्ता की सुरक्षा के लिए ग्रामीण महिला पुरूष बच्चे रात -रात भर जागकर गांव के मुख्य मार्गो में पहरा दे रहे है। मिली जानकारी के अनुसार तेंदूपत्ता की तोड़ाई कई ग्रामीणों के द्वारा पिछले एक सप्ताह से प्रारंभ कर दिया गया है और इसे लाकर घर में गड्डी बनाने का कार्य भी प्रारंभ हो गया है अपने गांव के आसपास के तेंदूपत्ता की तोड़ाई के बाद ग्रामीण दूसरे गांवो के जंगलो में तेंदूपत्ता की तोड़ाई के लिए बकायदा सुबह 4 बजे से मोटरसायकल, जीप, ट्रेक्टर, पिकअप लेकर पहुंच रहे है और तेंदूपत्ता तोड़ने के बाद उसे वाहनो के माध्यम से अपने घर तक ला रहे है इसकी जानकारी जब गांव के ग्रामीणों को लगी तो ग्रामीणों में भारी आक्रोश बढ़ गया और कई ग्रामो के ग्रामीणों ने अपने गांव के मुख्य मार्ग नेशनल मार्ग में पिछले 3 -4 दिनों से पहरा देने लगे और जैसे ही दूसरे ग्राम के ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्रहण कर मोटरसायकल, पिकअप, जीप के माध्यम से लाने लगे तो ग्रामीणों ने उन्हे पकड़ा और पूरे संग्रहण किये गये तेंदूपत्ता को छीनकर सड़क पर फेक दिया इसके चलते गांव -गांव में पिछले 3 -4 दिनों से लगातार विवाद और झगड़ा की स्थिति निर्मित हो गई है
बकायदा ग्रामीणों द्वारा इस पूरे मामले की वीडियो बनाकर क्षेत्र के सोशल मिडिया में वायरल भी किया जा रहा है। आज हमारे संवाददाता ने स्वयं ग्राउंड जीरो में पहुंचकर रिपोर्टिंग किया तो पता चला कि मैनपुर कुल्हाड़ीघाट मार्ग में 5 से 6 पिकअप और जीप में दूसरे गांव के ग्रामीणों द्वारा जंगल से संग्रहण कर ला रहे हरा सोना को ग्रामीणों ने पकड़ा और पूरा हरा सोना को सड़क में फेक दिया और ग्रामीणों को वापस लौटा दिया यही स्थिति मैनपुर देवभोग नेशनल हाइवे मार्ग में फुलझर घाटी, बरदुला घाटी, राजापड़ाव के पास भी नेशनल हाइवे में लाखो हरा सोना पत्ता सड़क में बिखरे दिखाई दे रहे है मैनपुर गोबरा मार्ग में भी ग्रामीणों ने पत्ता को पकड़कर फेक दिये।
ग्रामीणों ने बताया अपने क्षेत्र के जंगल में तेंदूपत्ता संग्रहण किया जाये
कुल्हाड़ीघाट क्षेत्र के ग्रामीण महिला यशोदा बाई सोरी, दशरीबाई कमार, बरदुला क्षेत्र के कुमारी बाई नागेश, जयसिंग, राधेलाल, जीवन ने बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य अपने गांव और क्षेत्र के जंगल में ग्रामीणों द्वारा किये जाये लेकिन इस क्षेत्र में दूसरे गांवो के जंगलो में चोरी छिपे गलत तरीके से तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा रहा है जो गलत है यदि हमारे गांव, हमारे जंगल के पत्ते को दूसरे क्षेत्र के लोग ले जायेंगे तो हम लोग कहां से पत्ता तोड़ाई करेंगे इस बात को लेकर इन दिनों क्षेत्र में भारी विवाद और झगड़ा की स्थिति निर्मित हो गई है।
गरियाबंद जिले में 70 खरीदी केन्द्रो में 33 करोड़ की होती है पत्ता खरीदी
वन विभाग जिला कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गरियाबंद जिले में कुल 70 खरीदी केन्द्रो में 33 करोड़ से अधिक की हर वर्ष पत्ता खरीदी होती है इस वर्ष 84 हजार मानक बोरा खरीदी का लक्ष्य है और लाभान्वित संग्रहको की संख्या लगभग 65 से 70 हजार है। वर्ष 2022 में 82601 मानक बोरा पत्ता खरीदी किया गया था जिसकी भुगतान 33 करोड़ 4 लाख से ऊपर किया गया है और 65404 संग्रहको ने पत्ता का विक्रय किया था। उदंती अभ्यारण्य के कोर एरिया को छोड़कर पूरे गरियाबंद जिला में पत्ता की खरीदी 70 खरीदी केन्द्रो में किया जाता है जिसमें से देवभोग क्षेत्र के ओड़िशा से लगे 12 खरीदी केन्द्रो में पिछले एक सप्ताह से पत्ता खरीदी प्रारंभ हो गया है।
टाइगर रिजर्व के घने जंगल से ओड़िशा क्षेत्र के लोग कर रहे है हरा सोना की चोरी
इन दिनों उदंती अभ्यारण्य क्षेत्र के घने जंगल कोर इलाका में भी हरा सोना की जमकर तस्करी किया जा रहा है लेकिन इसका लाभ यहां निवास करने वाले आदिवासी ग्रामीणों को नही मिल रहा है यहां के ग्रामीण लंबे समय से तेंदूपत्ता संग्रहण करने अनुमति देने की मांग शासन से कर रहे है लेकिन यहां के ग्रामीणों को टाइगर रिजर्व क्षेत्र होने के कारण अनुमति नही दिया जा रहा है लेकिन ओड़िशा क्षेत्र के लोग उदंती अभ्यारण्य के जंगल से तेंदूपत्ता की तोड़ाई कर तस्करी कर रहे है बकायदा मोटरसायकल और जीप, पिकअप के माध्यम से प्रतिदिन तेंदूपत्ता ले जाते दिखाई दे रहे है।