कोल्हापुर – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते अरुण गांधी का मंगलवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में निधन हो गया। उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार थे। अरुण गांधी के बेटे तुषार गांधी ने बताया कि लेखक एवं सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता अरुण गांधी का अंतिम संस्कार आज कोल्हापुर में किया जाएगा।
अरुण गांधी खुद को ‘पीस फार्मर’ बताते थे। उन्होंने ‘कस्तूरबा, द फॉरगॉटन वुमन’, ‘ग्रैंडफादर गांधी’ जैसी किताबें लिखी। इसके साथ ‘द गिफ्ट ऑफ एंगर: एंड अदर लेसन फ्रॉम माई ग्रैंडफादर महात्मा गांधी’ भी लिखी। अरुण गांधी सुशीला और मणिलाल गांधी के बेटे थे। अरुण गांधी के परिवार में अब उनके बेटे तुषार, बेटी अर्चना, चार पोते और पांच परपोते हैं।
अरुण गांधी का जन्म डरबन में 14 अप्रैल 1934 को हुआ था। अरुण गांधी अपने दादा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पदचिह्नों पर चलते हुए एक सामाजिक कार्यकर्ता बने। वह पेशे से पत्रकार भी रहे। उन्होंने आजीवन शांति, सौहार्द की स्थापना के लिए गांधी वादी मूल्यों का प्रचार किया।