बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे नंदुकमार साय ने आज छत्तीसगढ़ कांग्रेस में प्रवेश कर लिया। सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने उन्हें पार्टी में प्रवेश कराया। अब इस मामले में बीजेपी ने साय के कांग्रेस में प्रवेश करने पर कई सवाल उठाते हुए कांग्रेस पर जमकर आरोप लगाए हैं।
रायपुर – बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे नंदुकमार साय ने आज छत्तीसगढ़ कांग्रेस में प्रवेश कर लिया। सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने उन्हें पार्टी में प्रवेश कराया। अब इस मामले में बीजेपी ने साय के कांग्रेस में प्रवेश करने पर कई सवाल उठाते हुए कांग्रेस पर जमकर आरोप लगाए हैं।
बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि नंद कुमार साय सब सबके आदरणीय रहे हैं। उनका इस तरह से चले जाना दुखद है। जिस पार्टी ने निजी तौर पर उन्हें प्रताड़ित किया, शारीरिक हमला तक कराया। उनकी जान लेने तक की साजिश रची गई। ऐसी पार्टी में उनका जाना बहुत ही दुखद है। साय लगातार कांग्रेस की अनीतियों के विरुद्ध आवाज उठा रहे थे। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस के आदिवासी आरक्षण छीने जाने के खिलाफ धरना भी दिया था। उन्होंने पार्टी की ओर से आयोजित विधानसभा घेराव कार्यक्रम में कांग्रेस सरकार के रहने तक बाल नहीं कटाने का संकल्प भी लिया था।
ऐसे में अकस्मात ऐसी क्या परिस्थिति पैदा हो गयी, जिसके कारण साय ने यह कदम उठाया, यह संदेह पैदा करता है। कहीं किसी अनुचित दबाव में तो नहीं हैं साय, इसे देखना होगा। पार्टी में ऐसा शायद ही कोई बड़ा दायित्व हो, जिस पर साय नहीं रहे हों। 46 वर्ष से अधिक वे पार्टी के महत्वपूर्ण और शीर्ष पदाधिकारी रहे हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष, लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद, प्रथम नेता प्रतिपक्ष, विधायक, एसटी आयोग के अध्यक्ष, प्रदेश के कोर कमेटी सदस्य समेत कोई भी पद ऐसा नहीं है जिसे उन्होंने ग्रहण नहीं किया हो। साय वरिष्ठतम नेता इस तरह कांग्रेस जैसी पार्टी के ट्रैप में फंस जायेंगे, भरोसा नहीं हो रहा है।
भाजपा का भरोसा साय जी पर हमेशा रहा है। छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद पहले चुनाव के ऐन मौक़े पर जब उनकी पुत्री ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था, तब भी नंद कुमार साय पार्टी के शीर्ष नेता रहे थे और जरा भी किसी कार्यकर्ता ने कोई संदेह नहीं किया था। लेकिन वह इतिहास ऐसे ख़राब तरीक़े से दुहराया जाएगा, इसकी रत्ती भर भी उम्मीद नहीं थी। हमें आज भी अपने वरिष्ठ नेता के मान-सम्मान की अधिक चिंता है। स्व. करुणा शुक्ला जी का उदाहरण हमारे सामने है। वे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थीं, जब कांग्रेस जैसी लगभग स्थानीय पार्टी जितनी हैसियत में रह गयी पार्टी में वे प्रदेश उपाध्यक्ष बनायी गयीं, उसके जिस तरह से कांग्रेस ने उनका इस्तेमाल किया।
नंदकुमार साय का कांग्रेस में जाना औचित्यहीन है: नेताम
बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री वरिष्ठ आदिवासी नेता रामविचार नेताम ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश से मैं व्यक्तिगत रूप से आहत हूं | वे हमारे कुशल मार्गदर्शक एवं मेरे शुभचिंतक हैं। लेकिन आज की परिस्थिति में उनका कांग्रेस में प्रवेश होना एवं उनका वक्तव्य कि उनका यह निर्णय आदिवासी हितों की रक्षा से जुड़ा हुआ है। यह अपने आप में एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है। जिन आदिवासी हितों के लिए वर्षो – वर्ष से नंदकुमार साय जी कांग्रेस की खिलाफत करते रहे, आज उसी कांग्रेस की गोद में बैठने से आदिवासी हितों का संरक्षण कहां से हो गया।
उन्होंने कहा कि यह मेरे व किसी के लिए भी समझ से परे है । ऐसे व्यक्ति व समाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जो कुछ भी किया है, इसके लिए प्रशंसा के शब्द भी कम पड़ जाते हैं। एक छोटे परिवार में भी अनबन की स्थिति बनी रहती है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कोई अपने पड़ोस के परिवार में जा कर शामिल हो जाए। भारतीय जनता पार्टी संपूर्ण समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली हम सभी की एक बड़ी पारिवारिक पार्टी है। ऐसे में आदिवासी समाज के इतने बड़े नेता का कांग्रेस में जाना औचित्यहीन है। निश्चित रूप से इनके कांग्रेस प्रवेश की अंदर की कहानी कुछ और होगी, जिसकी पड़ताल की जायेगी।