Home मध्यप्रदेश झांसी मेडिकल कॉलेज ने असद और गुलाम के शवों को लेने से...

झांसी मेडिकल कॉलेज ने असद और गुलाम के शवों को लेने से किया इंकार

54
0

झांसी मेडिकल कॉलेज ने एनकाउंटर में मारे गए असद अहमद और गुलाम को शवों को लेने से इंकार कर दिया. इस कारण पुलिस टीम को कार्रवाई पूरी करने के लिए जिला अस्पताल जाना पड़ा. हालांकि बाद में झांसी मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में ही दोनों शव का पोस्टमार्टम किया गया.

झांसी में एनकाउंटर के बाद असद और गुलाम के शव ले जाते स्वास्थ्य कर्मचारी

झांसी – माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर के बाद जिले के बड़े पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे. गुरुवार को झांसी के पारीछा थाना क्षेत्र जंगल में असद और उसके साथी गुलाम का एनकाउंटर किया गया था. मुठभेड़ के बाद पुलिस घटनास्थल से दोनों का शव लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दोनों शवों को लेने से मना कर दिया. इसके बाद शवों को झांसी के जिला अस्पताल में ले जाया गया है. पुलिस ने बताया कि असद और शूटर गुलाम के शवों का पोस्टमार्टम कैमरे की निगरानी में किया जाएगा. पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी कराई जा रही है. कुछ तकनीकी दिक्कतें आने की वजह से झांसी मेडिकल कॉलेज ने शवों को लेने से मना किया था. हालांकि बाद में झांसी मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में ही दोनों शव का पोस्टमार्टम किया गया.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को यूपी एसटीएफ की कार्रवाई की जानकारी जिले के पुलिस अफसरों को नहीं थी. एसटीएफ ने अपनी सूचना के आधार पर कार्रवाई की. एनकाउंटर के बाद जिले के आला पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे. इसके बाद वारदात स्थल पर पुलिस ने कॉबिंग की और असद की ओर से चलाई गई गोलियों के सबूत इकट्ठा किया. घटनास्थल से पुलिस टीम ने ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर के अलावा एक और विदेशी पिस्टल बरामद की है. वहां पुलिस को गोली के खोखे और जिंदा कारतूस भी मिले. इसके बाद मौके पर एंबुलेंस भी पहुंची और शवों को लेकर झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया.

जिस रास्ते पर असद का एनकाउंटर हुआ, वह झांसी-कानपुर हाईवे से एक किलोमीटर अंदर है. बड़ागांव थाना क्षेत्र का यह रास्ता पारीक्षा डैम की ओर जाता है. लोग डैम तक पहुंचने के लिए इस शॉर्टकट रास्ते से जाते हैं. बताया जाता है कि असद और गुलाम दोनों अतीक अहमद की निगरानी के लिए इस इलाके में पहुंचे थे. बुधवार को अतीक अहमद को इसी रास्ते से प्रयागराज ले जाया गया था. अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक, अतीक के पुराने गुर्गों ने असद और गुलाम को अपने घर में शरण दी थी.