यूरोपियन हार्ट जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में शोधकर्ता डॉ. पार्थो सेन गुप्ता ने दावा किया है कि यह डिवाइस 5 मिनट के अंदर 90 फीसदी तक हार्ट अटैक की सटीक जानकारी देती है. इसकी इसी खूबी के कारण इसे ट्रैकिंग डिवाइस की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
वैज्ञानिकों ने ऐसी डिवाइस विकसित की है जो हार्ट अटैक के इलाज में तेजी जाएगी. बिना ब्लड टेस्ट के मरीज का इलाज किया जा सकेगा. हार्ट अटैक से पहले ही मरीज को अलर्ट किया जा सकेगा.वैज्ञानिकों का दावा है कि ईसीजी रिपोर्ट से 50 फीसदी तक हार्ट अटैक की भविष्यवाणी की जा सकती है लेकिन सटीक जानकारी के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है. नई डिवाइस बिना ब्लड टेस्ट के इसकी जानकारी देगी. डिवाइस को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है.
जानिए, डिवाइस क्या काम करेगी, कैसे काम करेगी और हार्ट अटैक की कितनी सटीक जानकारी देगी.
डिवाइस आखिर करेगी क्या?
शोधकर्ताओं का कहना है कि हृदय की कोशिकाओं में टोपोनिन नाम का एक प्रोटीन पाया जाता है. यही दिल की मांसपेशियों को सिकोड़ने और रिलैक्स करने में अहम भूमिका निभाता है. जब हार्ट तक ब्लड की सप्लाई करने वाली धमनियों में ब्लॉकेज होता है और ऑक्सीजन की कमी होती है तो ये कोशिकाएं खत्म होने लगती हैं. ऐसी स्थिति में ट्रोपोनिन प्रोटीन बढ़ने लगता है. नई डिवाइस इसका पता लगाती है वो बिना ब्लड टेस्ट के. अब समझते हैं इसका पता कैसे चलेगा.
कैसे काम करती है डिवाइस
ट्रोपोनिन की जांच के लिए डिवाइस का इस्तेमाल किया जा सकेगा. नई डिवाइस बिना ब्लड सैम्पल लिए ट्रोपोनिन की जांच करती है. जब इंसान यह डिवाइस पहनता है तो इसमें से निकलने वाली इंफ्रारेड लाइड स्किन के अंदर पहुंचती है और ब्लड में मौजूद ट्रोपोनिन प्रोटीन के स्तर का पता लगाती हैं. हार्ट अटैक के मामलों में ट्रोपोनिन प्रोटीन का स्तर जानने के लिए ब्लड टेस्ट जरूरी होता है, लेकिन नई डिवाइस के जरिए यह काम आसान हो जाता है.
शोधकर्ताओं का दावा है कि शरीर में ट्रोपोनिन प्रोटीन के स्तर में बदलाव हार्ट अटैक की ओर इशारा करता है. यह खासकर उन मरीजों के लिए काफी काम की साबित हो सकती है जिनमें ईसीजी से सही जानकारी नहीं मिल पाती. हार्ट अटैक के मामले में तत्काल इलाज की जरूरत पड़ती है. मरीज की धमनियों से ब्लॉकेज को हटाया जाता है. ऐसे में नई डिवाइस को बीमारी से पहले भविष्यवाणी करने वाला इक्विपमेंट बताया जा रहा है.
जानकारी कितनी सटीक?
यूरोपियन हार्ट जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट में शोधकर्ता डॉ. पार्थो सेन गुप्ता ने दावा किया है कि यह डिवाइस 5 मिनट के अंदर 90 फीसदी तक हार्ट अटैक की सटीक जानकारी देती है. इसकी इसी खूबी के कारण इसे ट्रैकिंग डिवाइस की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि हार्ट अटैक की स्थिति में मरीजों में अलग-अलग लक्षण दिख सकते हैं. जिसे कई बार समझना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में उनकी मेडिकल हिस्ट्री, हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी और चेस्ट का एक्सरे कराया जाता है, लेकिन प्रोटीन के लेवल की जानकारी मिलने से पहले मरीज को समय रहते अलर्ट किया जा सकेगा. इस तरह मरीज के पास डॉक्टरी सलाह लेने का वक्त रहता है और ट्रीटमेंट आसान हो जाता है. हालांकि, यह डिवाइस कब तक उपलब्ध होगी, शोधकर्ताओं ने इसकी जानकारी नहीं दी है.