दिल्ली – पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत राउज एवेन्यू कोर्ट ने 17 अप्रैल 2023 तक के लिए बढ़ा दी है। मनीष सिसोदिया रद्द हो चुकी आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में जेल में हैं। बता दें कि इससे पहले दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने अब सिसोदिया को 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
अदालत की पिछली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा था कि सीबीआई द्वारा कुछ भी विशेष नहीं कहा गया है, जिसके लिए हिरासत जारी रखने की आवश्यकता हो। वकील ने कहा, रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि सिसोदिया गवाहों को धमका रहे थे। वकील ने तर्क दिया कि सिसोदिया ने सीबीआई जांच में सहयोग किया है और किसी भी तलाशी में उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री सामने नहीं आई है।
वकील ने अदालत से कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मनीष सिसोदिया की समाज में गहरी पकड़ हैं। हर बार जब उन्हें सीबीआई के सामने बुलाया गया तो वह पेश हुए। मैं एक लोक सेवक हूं। इस मामले में दो लोक सेवक रहे हैं, आरोप इससे कहीं अधिक गंभीर हैं। लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं होती है। वकील ने कहा, गवाहों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को धमकाने आदि का कोई वास्तविक सबूत नहीं है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया सिसोदिया को जमानत दें।
26 फरवरी को सिसोदिया को किया गया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि सीबीआई ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कई दौर की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा 26 फरवरी को आप नेता को गिरफ्तार किए जाने के बाद ईडी ने भी उन्हें इसी मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने अदालत को सूचित किया था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री के ईमेल और मोबाइल से भारी मात्रा में डेटा का भी फोरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा है।