2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी को लेकर भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में आज राहुल गांधी दोषी ठहराए गए हैं।
नई दिल्ली – कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत की एक कोर्ट ने मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई है। राहुल पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान ‘मोदी सरनेम’ पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसी मामले में राहुल पर गुजरात के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
सजा सुनाए जाने के दौरान कोर्ट में आज राहुल गांधी भी मौजूद रहे। कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए कहा कि आपको कुछ बोलना है? इसपर राहुल ने कहा कि मैंने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। आगे भी उठाता रहूंगा। राहुल ने आगे कहा कि मेरे बयान से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है। मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था। मैंने जानबूझकर किसी के खिलाफ नहीं बोला है।
ट्विट किया, मेरा धर्म, सत्य और अहिंसा पर आधारित
सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी ने ट्विटर पर महात्मा गांधी की कही गई लाइनों को लिखा। उन्होंने लिखा, ‘मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।’
क्या है मामला, जिसमें राहुल को मिली सजा?
2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी को लेकर भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय का मान घटाया है। वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में इस मामले से जुड़ी टिप्पणी की थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की। राहुल इस मामले की सुनवाई के दौरान तीन बार अदालत में पेश हुए। अक्तूबर 2021 में बयान दर्ज कराने के लिए अदालत पहुंचे राहुल ने खुद को निर्दोष बताया था। अब इसी मामले में राहुल को सजा सुनाई गई है।