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आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े का खुलासा, 500 नकली कार्ड बनाने वाला पूर्व कर्मचारी गिरफ्तार

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क्राइम ब्रांच को फर्जी आयुष्मान कार्ड स्टेट हेल्थ एजेंसी के लॉगिन आईडी और पासवर्ड से जारी करने के संबंध में शिकायत मिली थी। इस मामले में जांच में शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी शिवपुरी निवासी अनुराग श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया।

भोपाल – क्राइम ब्रांच ने फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। आरोपी अनुराग श्रीवास्तव अशोक नगर में आयुष्मान की थर्ड पार्टी एजेंसी विडाल में डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर था। क्राइम ब्रांच ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।

क्राइम ब्रांच को फर्जी आयुष्मान कार्ड स्टेट हेल्थ एजेंसी के लॉगिन आईडी और पासवर्ड से जारी करने के संबंध में शिकायत मिली थी। इस मामले में जांच में शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी शिवपुरी निवासी अनुराग श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने 500 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए। इनमें से कई लोगों ने आयुष्मान के तहत इलाज भी करा लिया। इससे सरकार को नुकसान हुआ। वहीं, क्राइम ब्रांच आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसके अन्य सहयोगियों की तलाश के लिए धरपकड़ कर रही है। आरोपी तीन अलग-अलग लोगों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर रहा था। जो एक कार्ड के आरोपी को 40 से 100 रुपये देते थे।

ऐसे की गड़बड़ी
आरोपी ने 2019 से 2022 तक विडाल में कार्य किया। विडाल थर्ड पार्टी एजेंसी है। जो मध्य प्रदेश आयुष्मान निरायम के लिए काम करती है। इसका काम कार्ड का एप्रूवल करना और ट्रेक मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारक के होने वाले इलाज की मॉनीटरिंग करना था। विडाल से रिजेक्ट कार्ड बनाने के आवेदन स्टेट हेल्थ अथॉरिटी (एसएचए) को भेजे जाते हैं। एसएचए रिजेक्ट आवेदक के विवरण का परीक्षण करने के बाद पात्र होने पर कार्ड का एप्रूवल प्रदान करती है। अपात्र होने पर आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है।

काम की अधिकता होने पर विडाल और एक अन्य एजेंसी को एसएचए के पांच-पांच लॉगिन आईडी 2022 में दिए गए थे। इनमें एक में अनुराग श्रीवास्तव का  नंबर रजिस्टर था जिसमें ओटीपी आता है। ओटीपी के माध्यम से BIS (BENEFICIARY IDENTIFICATION SYSTEM) LOGIN करके जानकारी चेक करने के बाद कार्ड का APPROVE दिया जाता है। विडाल का एसएचए से टेंडर खत्म होने के बाद अनुराग समेत कई कर्मचारियों को निकाल दिया गया। इसके बाद भी अनुराग कुछ लोगों के साथ मिलकर एसएचए की लॉगिन आईडी से कार्ड का एप्रूवल जारी कर रहा था।