रायपुर – छत्तीसगढ़ के राशन दुकानों में हो रहे घोटालों को लेकर आज पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ। रमन सिंह ने विधानसभा में सवाल उठाए। मीडिया को संबोधित कर उन्होंने साक्ष्य के रूप में संचनालय की रिपोर्ट दिखाते हुए भूपेश सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया। जिसे खाद्य विभाग ने भी स्वीकार किया है। इन घोटालों में चावल, गुड़, शक्कर और नमक के डेटाबेस में गड़बड़ी कर राशन का गबन प्रमाणित हुआ है।
पूर्व सीएम ने चावल के स्टॉक में 600 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया। मामले में पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुआ। इस वजह से दो बार सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी। रमन ने राशन दुकानों की ओर अनाज-शक्कर आवंटन का मामला उठाते हुए 68 हजार 230 टन चावल के गायब होने की बात कही। विधानसभा समिति से जांच कराने की मांग की। मामले में मंत्री भगत के जवाब से नाराज भाजपा विधायक सदन में नारेबाजी की।
‘खाद्य विभाग का डाटा बेस और जिले के डाटा बेस में काफी अंतर’
पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि खाद्य विभाग का डाटा बेस और जिले के डाटा बेस में काफी अंतर है। 68 हजार मिट्रिक टन अतिशेष चावल स्टॉक में है। 68 हजार 230 टन चावल गायब है। ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट का क्या हुआ? खाद्य मंत्री ने कहा कि जितने बोगस राशनकार्ड बनते थे, आपके समय होता था। आपके फार्मूले से ही हम वितरण कर रहें हैं। हमने 13,392 राशन दुकानों का वेरिफिकेशन करारा है। वेरिफिकेशन के बाद 4952 दुकानों में करीब 41 हजार टन की गड़बड़ियां मिली हैं। 13 प्रकरणों में एफआईआर की गई है। 161 दुकान निलंबित किए गए हैं। वहीं 140 दुकान निरस्त किए गए हैं।
सदन की कमेटी से जांच कराई जाए : नारायण चंदेल
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सदन की कमेटी से जांच कराई जाए। अजय चंद्राकर ने कहा कि हम गलत है, तो जांच कराइए। मंत्री ने कहा कि जांच कर रहे है, कोई नहीं बचेगा। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी की। आसंदी ने विपक्ष से कहा कि आप मंत्री का उत्तर सुन लीजिए। भाजपा विधायक सदन में विधायकों की कमेटी से जांच की मांग पर अड़े रहे। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने फिर अनाज आवंटन का मुद्दा उठाया। सदन में फिर नारेबाजी शुरू हो गई।
अमितेश शुक्ल ने भी अपनी ही सरकार को घेरा
वहीं कांग्रेस विधायक अमितेश शुक्ल ने भी अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने गरियाबंद और देवभोग में चना सप्लाई में गड़बड़ी का आरोप लगाया। इस दौरान वो अंग्रेजी में बात करने लगे जिस पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने टोका और कहा कि अंग्रेजी में बात न करें। सदन में इंग्लिश में बात करने को लेकर मजाक का माहौल बन गया। महंत ने कहा कि यहां बहुत से लोग अंग्रेजी नहीं समझते हैं। ये आपकी व्यक्तिगत चर्चा नहीं है।
रमन ने ट्वीट कर साधा निशाना
दूसरी ओर रमन ने ट्वीट कर लिखा कि खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने “प्रावधान न होने” की बात कहकर अपना पल्ला झाड लिया। क्योंकि दाऊ @bhupeshbaghel के शासन में भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित करने की नीति है उसे रोकने और जांच करने के लिए कोई नीति ही नहीं है। जब भाजपा की सरकार थी तब इस जांच के लिए छ:ग में कानून हुआ करता था। आज जो चावल गायब है, इसमें राशन दुकानों और भ्रष्ट सरकार की मिलीभगत स्पष्ट होती है।
रमन ने लिखा कि जो आंकड़े आज सामने हैं, उसमें 450 राशन दुकानों में हजारों क्विंटल चावल का स्टॉक बताया जा रहा है जबकि उनकी क्षमता 100 क्विंटल चावल रखने की है। इस मुद्दे में आज तक स्टॉक की जांच नहीं की गई है।
दाऊ @bhupeshbaghel की भ्रष्ट सरकार का 500-600 करोड़ रुपयों का घोटाला आज सामने आया है। खाद्य विभाग के जिलों के डाटाबेस और बचत डाटाबेस में 68,900 मीट्रिक टन चावल गायब है।अब इस घोटाले पर शासन का मौन इस बात का प्रमाण है कि यह सरकार गरीबों के अधिकार को लूटने का काम कर रही है।