महासमुंद – 15 मार्च (भाषा) छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक ईट भट्ठे में सो रहे पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई है जबकि एक अन्य बीमार हो गया। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने बसना थाना अंतर्गत गढ़फुलझर गांव में हुई घटना के संबंध में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पांच श्रमिकों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने अधिकारियों को मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता देने और गंभीर रूप से बीमार एक श्रमिक को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
बसना पुलिस थाने की प्रभारी (एसएचओ) कुमारी चंद्राकर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि गांव में कुंज बिहारी पांड़े का ईट का भट्ठा है। पांड़े ने श्रमिकों से ईंट बनवाकर उसे पकाने के लिए ठेका पर दिया था। मंगलवार देर रात तक गांव में मजदूरों ने ईटों को पकाने के लिए चबूतरे की तरह ढांचा बनाया और उसमें आग लगाकर उसके उपर सो गए।
उन्होंने कहा कि जब अन्य कर्मचारी आज सुबह मौके पर पहुंचे और उन्हें बेहोश पाया तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। उन्होंने कहा कि छह श्रमिकों को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनमें से पांच को मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि छठे व्यक्ति को बाद में इलाज के लिए राजधानी रायपुर रेफर किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘डॉक्टरों के अनुसार, पांचों की मौत दम घुटने से हुई, लेकिन मौत का सही कारण उनके पोस्टमॉर्टम के बाद पता चलेगा।’’ पुलिस ने मृतकों की पहचान गंगा राम बिसी (55), दशरथ बिसी (30), सोना चंद भोई (40), वरुण बरिहा (24) और जनक राम बरिहा (35) के तौर पर की है। हादसे में बीमार हुए छठे व्यक्ति की पहचान मनोहर बिसी (30) के तौर पर हुई है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
उधर, घटना का जायजा लेने के लिए जिला प्रशासन और खनन अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि महासमुंद के कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।
प्रभारी खनन अधिकारी (महासमुंद) उमेश भार्गव ने कहा कि उनके विभाग ने भट्ठा संचालन के संबंध में भी जांच शुरू कर दी है। भार्गव ने कहा, ‘‘गांव में भट्ठा चलाने वाले कुंजबिहारी पांडे़ द्वारा कोई आधिकारिक अनुमति नहीं मांगी गई थी। हालांकि, पांडे़ कुम्हार समुदाय (जो पारंपरिक रूप से मिट्टी के बर्तन बनाते हैं) से आते हैं और ईंट बनाने में संबंधित समुदाय के लिए कुछ छूट हैं। लेकिन मानक सुरक्षा उपायों और नियमों और विनियमों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है।’’