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6 द्वारों से एंट्री, 70 एकड़ में 7 मंदिर… जानिए रामलला की नगरी कितना भव्य रूप ले रही

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भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण अब तक 60 फीसदी हो चुका है. और भगवान रामलला वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के दिन 15 जनवरी को मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे. इसके साथ ही यहां उनका दर्शन-पूजन शुरू हो जाएगा. राजेंद्र कुमार की रिपोर्ट…

अयोध्या – सालों से राम मंदिर के निर्माण को लेकर देशभर में चर्चा का मुददा बनी भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या बदल रही है. इस शहर को हिंदू धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए जहां एक तरफ भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण हो रहा है, वही दूसरी तरफ शहर को एक नए इक्ष्वाकु नगर के रूप में विकसित करने की परिकल्पना को साकार करने का कार्य भी किया जा रहा है.

5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में शुद्ध चांदी की 22.6 किलोग्राम ईंट के साथ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन किया. इस दिन से भारत के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई. जिसका असर अब चारों तरफ दिख रहा है.

60 फीसदी मंदिर तैयार

अयोध्या में हर तरफ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण की चर्चा है. यहां हर दिन देशभर से हजारों श्रद्धालु भगवान राम का मंदिर देखने के लिए आ रहे हैं. यह लोग अयोध्या में बनाई जा रही सड़कों से लेकर भगवान राम के बनाए जा रहे मंदिर को लेकर चर्चा कर रहे हैं. मंदिर का निर्माण टीईसी कंपनी कर रही हैं. मंदिर के निर्माण और उसके आसपास के इलाके को विकसित करने में 1800 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण अब तक 60 फीसदी हो चुका है. और भगवान रामलला वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के दिन 15 जनवरी को मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे. इसके साथ ही यहां उनका दर्शन-पूजन शुरू हो जाएगा.

चंपतराय का दावा है कि मात्र के साल में ही अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी. यहां आने वाले हर श्रद्धालु को अयोध्या में भगवान राम के प्रति आस्था का भाव कदम-कदम पर दिखाई देगा. अयोध्या में लोग जिस तरफ से प्रवेश करेंगे उन्हें भगवान राम से जुड़े प्रसंग दिखेंगे. रामायणकालीन स्थल दिखेंगे, जिनके जरिए लोगों में रामायण की तस्वीर बनेगी. सरयू तट से राम मंदिर तक पहुंचने के लिए नया रास्ता बनाया जा रहा है. इस रास्ते के दोनों तरफ भगवान राम के जुड़े प्रसंगों को दर्शाया जाएगा.

सात मंदिर और छह गेट भी बनेंगे

चंपतराय के अनुसार, अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को श्रीराम जन्मभूमि के 70 एकड़ परिसर में सात और मंदिर दिखेंगे. ये मंदिर महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, माता शबरी, निषाद राज और जटायु के होंगे, जो भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों को श्रद्धालुओं के जेहन में उभारेंगे.

इन सात मंदिरों के अलावा अयोध्या में लखनऊ, गोरखपुर, रायबरेली, गोंडा, प्रयागराज, वाराणसी की तरफ से आने वाले रास्ते पर श्रद्धालु रामायणकालीन पात्रों के नाम से भव्य छह गेट बनाए जानेंगे. इस गेट के जरिए ही अयोध्या आने वाला हर श्रद्धालु अयोध्या में प्रवेश करेगा.

Ram mandir ayodhya

लखनऊ की ओर से अयोध्या में प्रवेश के समय श्रीराम द्वार से प्रवेश होगा. अयोध्या आने वाले हाईवे पर आउटर में छह गेट बनाए जा रहे हैं. जिनके नाम तय कर दिए गए हैं. गेट के तय किए गए नाम श्री राम द्वार लखनऊ हाइवे, हनुमान द्वार गोरखपुर हाईवे, भारत द्वार (भरत कुंड के पास प्रयागराज हाईवे) हैं. वाराणसी से आने वालों के लिए जटायु द्वार, रायबरेली से आने वालों के लिए गरुण द्वार और गोंडा से अयोध्या आने के लिए लक्ष्मण द्वार की तरफ से प्रवेश होगा.

Ram Mandir And Temple Construction In Ayodhya Work Report (2)

स्वर कोकिला चौक से लेकर रामलीला अकादमी तक

अयोध्या के एडीएम प्रशासन अमित कुमार सिंह बताते हैं कि अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा ना हो, इसके भी प्रबंध किए जा रहे हैं. इसके लिए अयोध्या में प्रवेश करने वाले गेट के पास पार्किंग से लेकर जन सुविधाओं का इंतजाम कराया जा रहा है. अयोध्या विकास प्राधिकरण और पर्यटन विभाग मिलकर यह कार्य करा रहे हैं. अयोध्या आने वालों को प्राकृतिक माहौल मिले, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है.

हाईवे के दोनों तरफ पार्किंग बनाए जान के फैसला किया गया है. इन पार्किंग स्थलों पर टॉयलेट से लेकर पेयजल तक के इंतजाम होंगे. अमित सिंह बताते हैं कि प्रदेश सरकार राम नगरी को देश की सबसे शानदार धार्मिक नगरी बनाने के प्रयास में है. इसके लिए अयोध्या में तमाम कार्य किए जा रहे हैं. कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में स्वर कोकिला लता मंगेशकर चौक का लोकार्पण किया था. करीब 7.9 करोड़ रुपए की लागत से बने इस चौक में 14 टन वजनी और 40 फीट लंबी वीणा को लगाया गया है. इसके अलावा अयोध्या के माझा बरहटा क्षेत्र में भगवान राम की 251 मीटर ऊंची मूर्ति के लिए 1,000 करोड़ रुपए की लागत से दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति मूर्ति की स्थापना की जाएगी.

इसके लिए 84 हेक्टेयर भूमि अयोध्या में माझा बरहटा में अलग रखी जा रही है. तीन साल में राम मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. अयोध्या में एक रामलीला अकादमी बनाए जाने की भी योजना है, जहां छात्रों को लोक कला का प्रशिक्षण दिया जाएगा. अयोध्या के परिक्रमा मार्ग को भी बेहतर बनाया जा रहा है. अयोध्या में चार तरह की परिक्रमा हैं, रामकोट परिक्रमा, 5 कोसी परिक्रमा, 14 कोसी परिक्रमा और 84 कोसी परिक्रमा. इन परिक्रमा के मार्ग में हर 10 किमी पर पर्यटन विभाग के सुविधा केंद्र बनाए जा रहे हैं.