आंध्र प्रदेश – पूर्व मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने शनिवार (11 मार्च, 2023) को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों ने बताया कि चित्तूर जिले से चार बार विधायक रहे किरण कुमार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक किरण कुमार को राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में अहम पद दिया जा सकता है।
दावा किया जा रहा है कि वह पिछले कुछ समय से कांग्रेस में हो रही अपनी उपेक्षा से नाराज थे। इसी वजह से उन्होंने यह फैसला लिया है। 11 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र में रेड्डी ने कहा है कि उनके इस पत्र के माध्यम से उनका कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा स्वीकार किया जाए। हालांकि इस पत्र में उन्होंने किसी भी वजह का जिक्र नहीं किया है।
किरण कुमार रेड्डी के भाजपा में शामिल होने की संभावना
किरण कुमार के पार्टी में शामिल होने की संभावना पर राज्य भाजपा प्रमुख सोमू वीरराजू ने कहा कि वे किसी भी नेता का स्वागत करेंगे जो पार्टी में शामिल होने में रुचि दिखाते हैं। वीरराजू ने कहा कि किरण कुमार के शामिल होने से निश्चित रूप से राज्य में पार्टी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एक सक्रिय राजनेता हैं।
रेड्डी ने 1989 में राजनीतिक पारी की शुरुआत की, 2010 में आंध्र के सीएम बने
किरण कुमार ने 1989 में अपनी राजनीतिक शुरुआत की और वायलपाडु से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की। उन्होंने 1999 और 2004 में एक ही निर्वाचन क्षेत्र से और बाद में 2009 में पिलेरू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता। 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की दुखद मौत से पैदा हुए नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के के बाद किरण कुमार ने 2010 में अविभाजित आंध्र प्रदेश की बागडोर संभाली।
उन्होंने 11 नवंबर 2010 को सीएम पद की शपथ ली थी। हालांकि तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा किए गए संयुक्त आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद रेड्डी ने 10 मार्च 2014 को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध भी किया था और मनमोहन सरकार के विधेयक के विरोध में राज्य की विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पारित किया था।
किरण कुमार रेड्डी ने 2014 में खुद का राजनीतिक संगठन बनाया
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद किरण कुमार रेड्डी कांग्रेस से अलग हो गए थे। साल 2014 में उन्होंने अपना खुद का राजनीतिक संगठन ‘जय समैक्य आंध्र’ बनाया और लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुए। हार से हताश 2018 में किरण कुमार ने पार्टी को भंग कर दिया और कांग्रेस का फिर से दामन थाम लिया। हालांकि इसके बाद वे राजनीतिक रूप से चुप रहे।