रायपुर – अविरल समाचार के 12 वे स्थापना दिवस के मौके पर समाचार प्रत्र समूह और भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा वर्तमान परिदृश्य में संसदीय पत्रकारिता विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया| जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में जनधारा ग्रुप के एडिटर अभय किशोर और विधानसभा के पूर्व सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े शामिल हुए |
इस परिचर्चा में जनधारा ग्रुप के एडिटर अभय किशोर ने युवाओं को गंभीरता से संसदीय रिपोर्टिंग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा की सदन में जो सवाल उठाए जाते है वे महत्वपूर्ण होते है और उसके तह तक जाना जरूरी है। उन्होंने मीना खलखो कांड सहित कई मामले का भी उदाहरण दिया। उन्होंने सीएजी की रिपोर्ट पर भी खबर बनाने की बात कही। कार्यक्रम में विस के पूर्व सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने भी अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने कहा की संसदीय पत्रकारिता बहुत ही क्लिस्ट विषय है और इसमें बहुत कुछ अपने विचारों से रिपोर्टिंग करने का अवसर नहीं मिलता है।
उन्होंने कहा की विधानसभा में जो कार्यवाई होती है उसे ही प्रसारित करना होता है। उन्होंने ने विधानसभा में प्रवेश पास नहीं मिलने की वजह कम सीट होने को बताया। हालांकि वेब पोर्टल को भी प्रवेश पास देने पर उन्होंने सहमति जताई, लेकिन इसके द्वारा गलत खबर प्रसारित करने को लेकर चिंता जाहिर की।
संसदीय पत्रकारिता के लिए अध्ययन जरूरी है- चौबे
कार्यक्रम में भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार नितिन चौबे ने कहा की संसदीय रिपोर्टिंग के लिए अध्यन और नियमों की जानकारी होना जरूरी है। उन्होंने पत्रकारिता की शैली कम होने पर चिंता जाहिर की। इस मौके पर अविरल समाचार के संपादक और भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के महासचिव मनीष वोरा ने पत्रकारिता के पावर को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा की पत्रकारिता में अभी भी सम्मान मिलता है जो शायद किसी फिल्ड में नही मिलता है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार राजीव गांधी ने परिचर्चा के विषय की प्रस्तावना को रखा और संसदीय पत्रकारिता का अनुभव बताया। इसी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा ने अपना अनुभव बताते हुए कहा की आजकल के पत्रकारों को संसदीय पत्रकारिता के नियमों की जानकारी नहीं होती है जिसकी वजह से कई विषय जो सदन में आते है उन्हे जनता के बीच नही पहुंचा पाते है। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश शर्मा, राम अवतार तिवारी ने छत्तीसगढ की पहली विधानसभा की कार्यवाही की जानकारी दी।