रायपुर– राजधानी में चल रहे कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस का नया नारा दिया है। उन्होंने नया नारा देते हुए कहा कि ‘सेवा, संघर्ष, बलिदान सबसे पहले हिंदुस्तान’ ही अब पार्टी का नारा होगा। उन्होंने मिशन 2023-24 के लिए सभी विपक्षी दलों के एकजुट होने की बात कही। दूसरी तरफ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में राजनीति से रिटायरमेंट का इशारा कर दिया। सोनिया ने संबोधन में कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही मेरी राजनीतिक पारी अब अंतिम पड़ाव पर है।
अधिवेशन में कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, हम सभी उस गौरवशाली विरासत की नुमाइंदगी कर रहे हैं, जिसे महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपने समर्पण से सींचा है। आज हर कांग्रेसी को, हर देशवासियों को आगे बढ़कर ये कहना होगा कि ‘सेवा, संघर्ष और बलिदान सबसे पहले हिंदुस्तान’। ये हमारा नारा होगा। आज देश को इसकी जरूरत है क्योंकि भारत कठिन दौर से गुजर रहा है।
भाजपा आरएसएस के खिलाफ एकजुट हो सभी दल
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने संबोधन में विपक्षी एकजुटता की भी बात भी की। उन्होंने कहा, 2023 और 2024 में हमारा एजेंडा साफ है। हम देश के मुद्दों पर संघर्ष भी करेंगे, कुर्बानी भी देंगे और संबल और संपन्न राज की स्थापना करने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। 2004 से 2014 के बीच यूपीए गठबंधन में समान विचारधारा वाले कई दल हमारे सहयोगी थे। 10 साल हमारी सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को सामने रख चलती थी। आज फिर से उसी गठबंधन को और मजबूती देने की जरूरत है। वे तमाम दल जो भाजपा-आरएसएस के खिलाफ हैं, हम उन्हें भी अपने साथ लेने को तैयार है।
संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा को तोड़ रही भाजपा
कांग्रेस ने अध्यक्ष ने कहा, आज मोदी सरकार के राज में अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ गई है। दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, किसान और मजदूरों पर अत्याचार हो रहा है। 2015 के बाद से दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ रहा है। किसान और मजदूर सरकार की नीतियों से परेशान होकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए हैं। भाजपा सभी संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा को तोड़ रही है। देश में चारों तरफ नफरत का माहौल है। आज केंद्रीय एजेंसियों की मदद से चुनी हुई सरकार को गिराया जा रहा है। यहां तक कि कांग्रेस महाधिवेशन को रोकने की कोशिश की गई। लेकिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेताओं ने डटकर मुकाबला किया। ऐसे लड़ना और मुकाबला करना सीखना होगा रोने से काम नहीं चलेगा।
उन्होंने कहा, आज देश में नोटबंदी और गलत तरीके से जीएसटी लागू करने से 12 करोड़ लोगों को रोजगार चला गया, तो दूसरी ओर से करोड़ो लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए। कोविड में गंगा मैया हजारों लाशों से पट गई थीं। देश में मुट्ठी भर लोगों की दौलत में इतनी तेजी से बढ़ोतरी हुई, कि वे दुनिया के अमीरों में शामिल हो गए। देश के लोगों को कोरोना के दौर में डॉक्टर और दवा नहीं मिली। कांग्रेस अध्यक्ष ने भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने असंभव को संभव करके दिखाया है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक रौशनी फैली है. राहुल गांधी मे बिना परवाह किए देश की सेवा की है।
सोनिया का रिटारयमेंट की तरफ इशारा
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा, भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही मेरी राजनीतिक पारी अब अंतिम पड़ाव पर है। 2004 और 2009 में पार्टी का परफॉर्मेंस हो या फिर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का मेरा निर्णय। यह व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए संतोषजनक रहा। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का मुझे पूरा सहयोग मिला। जिस बात से मुझे सबसे ज्यादा संतुष्टि है, वह ये कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ अब मेरी पारी समाप्त हो सकती है। ये पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। सोनिया ने पहली बार पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी संभालने से लेकर अब तक आए उतार-चढ़ाव को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा- 1998 में जब मैं पहली बार पार्टी अध्यक्ष बनी, तब से लेकर आज तक यानी पिछले 25 सालों में बहुत कुछ अच्छा और कुछ बुरा अनुभव भी रहा।
कांग्रेस के संविधान में किए गए ये प्रमुख बदलाव
कांग्रेस के संविधान में प्रमुख बदलाव किए गए। इनमें अनुसूचित जाति, आदिवासी, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के लिए एआईसीसी डेलीगेट्स और सभी पदों पर 50 फीसदी पद आरक्षित होंगे। 50 फीसदी पदों में 50 साल से कम के लोगों की भागीदारी होगी। एक जनवरी 2025 से कांग्रेस में अब पेपर मेंबरशिप नहीं होगी, सिर्फ डिजिटल मेंबरशिप होगी। वहीं, कांग्रेस के फार्म में थर्ड जेंडर की चर्चा होगी, अब फार्म में मां और पत्नी का नाम भी लिखा जाएगा। ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर पर जहां भी कांग्रेस के चुने हुए सदस्य हैं, वे सभी डेलीगेट्स होंगे। सदस्यता से सशक्तिकरण की ओर अब छह पीसीसी डेलिगेट्स मेंबर पर एक एआईसीसी मेंबर चुना जाएगा। अभी तक आठ पर चुना जाता था। एआईसीसी मेंबर की संख्या 1240 से बढ़कर 1653 हो जाएगी।