इंदौर-भोपाल हाईवे पर 20 किमी का जाम, एक महिला की मौत..
भोपाल /सीहोर – मध्यप्रदेश के सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम अव्यवस्था का शिकार हो गया है। दस लाख से अधिक लोगों के आने से व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। भीड़ में चक्कर खाकर एक महिला गिरी और उसकी मौत हो गई।
शिव महापुराण कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि लोग मौत से डरते हैं। इस वजह से केदारनाथ नहीं जाना चाहते। ठंड का बहाना बनाते हैं। वहां कुछ होने का डर उन्हें सताता है।उन्हें यह समझना चाहिए कि यदि मौत को आना है तो वह आएगी ही। आप घर में पड़े-पड़े मर जाओगे। आप सात तालों में बंद रहोगे, तब भी मौत आ ही जाएगी। पंडित मिश्रा ने कहा कि जो लोग रुद्राक्ष के लालच में आ रहे हैं, वे न आएं। टिकट कैंसिल करा दें। महादेव के लिए आएं। रुद्राक्ष के लिए आने की आवश्यक्ता नहीं है। इसके बाद अस्थायी तौर पर रुद्राक्ष वितरण भी रोक दिया गया है।
अत्यधिक भक्तों के पहुंचने की वजह से रुद्राक्ष का वितरण भी अनिश्चित काल के लिए रोका गया है। इस बात का जिक्र पंडित मिश्रा ने पहले दिन की कथा के दौरान भी किया।
मंडी पुलिस ने महिला की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि महाराष्ट्र के नासिक के मालेगांव से आई मंगला बाई पति गुलाब (50) की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे चक्कर आया। वह गिर पड़ी। संभवतः उसे हार्ट अटैक आया था। उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।पैदल चलना भी मुश्किल
भक्तों के काफी संख्या में पहुंचने के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। महोत्सव के दौरान तीन महिलाएं लापता हो गईं हैं। एक महिला छत्तीसगढ़ के भिलाई से आई हैं। दूसरी राजस्थान के गंगापुर की रहने वाली हैं, तीसरी महाराष्ट्र के बुलढाणा की रहने वाली बताई जा रही हैं।
कुबेरेश्वर धाम 16 से 22 फरवरी तक चल रहे धार्मिक आयोजन में भारी जनसैलाब के आने के कारण और सभी की सुरक्षा एवं किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं से बचाव को ध्यान रखते हुए इंदौर से भोपाल जाने वाले भारी वाहनों का डाइवर्जन किया गया है। इंदौर यातायात पुलिस ने इस संबंध में एहतियाती कदम उठाए हैं। वैकल्पिक रुट के तौर पर आष्टा-कुरावर से कालापीपल होते हुए इंदौर से भोपाल वाहन जा रहे हैं। इसी तरह खातेगांव (देवास) से नसरुल्लागंज और बुदनी होते हुए भी इंदौर से भोपाल जा रहे हैं। अगले चार दिन इसी तरह की स्थिति रहने का अनुमान है।
सीहोर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर बाहर से यात्रियों की भारी भीड़ लगी हैं। कुबेरेश्वर धाम पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा और बस चलाने वाले भी मनमाने दाम मांग रहे हैं। जाम लगा होने की वजह से भी परेशानी आ रही है। इंदौर और भोपाल के रास्ते से आ रहे हजारों यात्री अब भी फंसे हुए हैं। सबसे ज्यादा भीड़ टोल टैक्स नाकों पर देखी जा रही है, जहां कई-कई किलोमीटर तक वाहन खड़े हैं।प्रशासनिक अधिकारियों को नहीं मिला सहयोग
बताया जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों को आयोजकों से सहयोग नहीं मिल रहा है। प्रशासन ने माना कि आयोजकों ने पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी। पंडित प्रदीप मिश्रा को अपने स्तर पर व्यवस्था करनी चाहिए थी। यह आयोजन सरकारी नहीं है।
सीएम का प्रोग्राम रद्द
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शिव महापुराण कथा में भाग लेने आने वाले थे। दोपहर साढ़े तीन बजे का कार्यक्रम था। भीड़ और अव्यवस्था को देखते हुए उनका कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 18 फरवरी को कुबेरेश्वर धाम आ सकते हैं। रुद्राक्ष वितरण के लिए चालीस काउंटर बनाए गए हैं। भीड़ इतनी है कि दो-दो किलोमीटर की लाइन लगाकर काउंटर से लोग रुद्राक्ष ले रहे हैं। जो भीड़ देखकर सहम गए हैं, वे प्रदीप मिश्रा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। भीड़ को रोकने के लिए बांस और बल्लियों से बैरिकेड लगे थे, जो भीड़ को रोकने में नाकाम हो रहे हैं। कार्यक्रम के एक दिन पहले ही बुधवार को यहां दो लाख से अधिक लोग पहुंच गए थे। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आयोजन स्थल पर एक दिन पहले ही श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष बांटना शुरू कर दिया था। गुरुवार को करीब आठ लाख से अधिक लोग पहुंच चुके हैं।