हसदेव अरण्य और नया रायपुर किसान आंदोलन में होंगे शामिल…
नवा रायपुर में भी ट्रैक्टर मार्च निकालना पड़ेगा,छत्तीसगढ़ प्रवास पर बोले किसान नेता राकेश टिकैत
रायपुर – किसान चुनाव से दूर रहेंगे. किसी भी किसान संगठन को चुनाव में नहीं जाना चाहिए. किसान संगठनों को सरकारों से बातचीत करना चाहिए. आने वाले दिनों में देश में वैचारिक क्रांति आएंगी. यह बात किसान नेता राकेश टिकैत ने आगामी विधानसभा चुनाव में किसानों के चुनाव लड़े जाने के सवाल पर कही.
चार दिन के छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंचे राकेश टिकैत का रायपुर पहुंचने पर एयरपोर्ट में कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान मीडिया से चर्चा में बताया कि प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा करने जाएंगे. फसलों के दाम का बड़ा सवाल है, भूमि अधिग्रहण है. छत्तीसगढ़ में भी भूमि अधिग्रहण का मामला चल रहा है. इस संबंध में सरकार से बात करेंगे.
बता दें कि राकेश टिकैत 4 दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। आपको बता दें कि हसदेव को लेकर कोई कार्रवाई नहीं होने पर दो मार्च 2022 से ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। यह किसान महा सम्मेलन भी धरना स्थल हरिहरपुर में ही आयोजित है। ग्रामीणों का कहना है, अगर हसदेव का जंगल कट गया तो न सिर्फ जीवनदायनी हसदेव नदी सूख जाएगी बल्कि ऑक्सीजन का प्रमुख स्रोत भी ख़त्म हो जायेगा|
उन्होंने कहा कि 20 मार्च को दिल्ली में एक बड़ी पंचायत है. कोई भी सरकार किसानों के खिलाफ फैसले लेंगे तो वहां जाकर हम मीटिंग करेंगे. जब तक देश में एमएसपी कानून गारंटी नहीं बनेगा तब तक किसानों की फसलें ऐसी ही लूटती रहेंगी. पहले भी सरकार से चर्चा किया गया था, अब भी सरकार से चर्चा करेंगे ताकि मामले का निपटारा हो.
इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भूमि अधिग्रहण को लेकर कई जगह समस्या है, जिसको लेकर हम कोरबा, सुकमा, कोंडागांव नवा रायपुर जाएंगे। छत्तीसगढ़ की सरकार कई मामलों में बेहतर है, लेकिन कुछ समस्याएं भी सरकार उन मुद्दों को भी निपटाए। उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल आया था बात नहीं बनी। हम रास्ता निकालना जानते हैं। लगता है नवा रायपुर में भी किसानों को लेकर ट्रैक्टर मार्च निकालना पड़ेगा। बता दें केंद्र सरकार की ओर से नया कृषि कानून लाया गया था, जिसे लेकर राकेश टिकैत ने लंबे समय तक प्रदर्शन किया था। अंतत: सरकार को नया कृषि कानून वापस लेना पड़ा था।