पिछले दिनों अपने ख़ास अंदाज़ और विवादास्पद बयानों के चलते चर्चा में रहे धर्म गुरु धीरेंद्र शास्त्री ने संत तुकाराम को लेकर दिए अपने बयान पर माफ़ी मांग ली है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भी आज धीरेंद्र शास्त्री से मिलने के लिए बागेश्वर धाम पहुंचने वाले हैं.
ऐसे में हिंदी पट्टी के कई अख़बारों ने बागेश्वर धाम से जुड़ी ख़बरों को प्रकाशित किया है.
इंडियन एक्सप्रेस समूह के हिंदी अख़बार जनसत्ता ने छापा है कि धीरेंद्र शास्त्री ने इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में मराठी समुदाय के संत तुकाराम को लेकर दिए बयान पर माफ़ी मांगी है.
अख़बार के मुताबिक़, उन्होंने कहा है कि संत तुकाराम को लेकर उन्होंने अपनी कथा में जो बयान दिया था, उसे उन्होंने कहीं पढ़ा था.
उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि संत तुकाराम की पत्नी बहुत ईर्ष्यालु, झगड़ालु और उन्हें पीटने वाली थीं.
वहीं, लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, धीरेंद्र शास्त्री ने रावण के साथ फ़ोन पर बात होने वाले बयान पर भी स्पष्टीकरण दिया है.
शास्त्री ने कहा है कि ‘आज के युवाओं से तालमेल बिठाने के लिए इस तरह की बात करनी पड़ती है. उन्हें पुराने तरीके से नहीं समझाया जा सकता. इसलिए फ़ोन और वीज़ा-पासपोर्ट जैसी बातें करनी होती हैं.’
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री के नेतृत्व में बागेश्वर धाम आज 13 फ़रवरी को सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है जिसमें कांग्रेस नेता कमल नाथ के शामिल होने की ख़बरें आई हैं.
जेएनयू प्रोफ़ेसर के साथ ओडिशा में गालीगलौच
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ाने वाले सुरजीत मजूमदार के साथ रविवार की रात ओडिशा की उत्कल यूनिवर्सिटी में गाली गलौच की घटना हुई है.
अंग्रेजी अख़बार द टेलीग्राफ़ से बात करते हुए मजूमदार ने कहा, “अपना भाषण पढ़ने के साथ जब मैंने संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांतों, मूल उद्देश्यों और बीआर आंबेडकर पर बात की तो कुछ लोगों ने चिल्लाते हुए मुझे गालियां दीं. मुझे नहीं पता कि ये लोग कौन थे. उन्होंने मेरे साथ मारपीट नहीं की, लेकिन आयोजकों के साथ धक्कामुक्की हुई है.”
इस कार्यक्रम का आयोजन सिटिज़ंस फ़ोरम नामक बुद्धिजीवियों के मंच ने किया था.
इस मंच के संयोजक प्रदीप्ता नायक ने अख़बार को बताया है कि ‘हम इस कार्यक्रम के लिए यूनिवर्सिटी के पीजी काउंसिल हॉल को बुक किया था. जब प्रोफ़ेसर मजूमदार ने बीआर आंबेडकर के सिद्धांतों और उद्देश्यों पर बात करते हुए प्राकृतिक संसाधनों को कुछ लोगों को सौंपे जाने की बात कही तो ये कुछ बाहरी लोगों को नागवार गुज़री.
हालांकि, उन्होंने किसी उद्योगपति जैसे अदानी का नाम नहीं लिया था, लेकिन नाराज़ लोगों ने मंच के पास पहुंचकर प्रोफ़ेसर मजूमदार के साथ गाली गलौच की. जब हमने इसका विरोध किया तो बात हाथ से बाहर निकल गयी.”
इस मामले में एक अन्य लेक्चरर सुरेंद्र कुमार जाना घायल हुए हैं और इस मामले में एक एफ़आईआर दर्ज की गयी है.
हमलावरों को दक्षिणपंथी गुटों से जुड़ा बताया जा रहा है, लेकिन अब तक पुलिस की ओर से इस मामले की पुष्टि होने की ख़बर नहीं मिली है.
- – हिमाचल में अदानी ग्रुप का सीमेंट कारखाना बंद होने का पूरा मामला क्या है: ग्राउंड रिपोर्ट
अदानी समूह सीमेंट फ़ैक्ट्रियां शुरु कराने में अब तक असफल
अदानी समूह पिछले कई हफ़्तों की कोशिशों के बाद भी हिमाचल प्रदेश में स्थित अपनी सीमेंट फ़ैक्ट्रियों अंबुजा सीमेंट और एसीसी सीमेंट में काम शुरू नहीं करा पाया है.
अदानी समूह ने इन दोनों कंपनियों को पिछले साल सितंबर में ख़रीदा था. इसके बाद माल ढुलाई की दरों को लेकर खड़े हुए विवाद के चलते इन फ़ैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया. बता दें कि अदानी समूह ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के तीन दिन के अंदर ही ये फ़ैसला लिया था.
इसके बाद से हिमाचल प्रदेश सरकार और अदानी समूह इस मामले का हल निकालने की कोशिश कर रहा है. लेकिन अब तक बात बनती नहीं दिख रही है.
इस मामले में अदानी समूह ने एक टन माल को एक किलोमीटर तक ढोने के लिए छह रुपये की दर से भुगतान करने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन ट्रक ऑपरेटर इसे मानने को तैयार नहीं हैं.
अमर उजाला में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज शिमला में दाड़लाघाट और बरमाणा (बिलासपुर) के ट्रक चालकों के साथ बैठक करेंगे.
अख़बार के मुताबिक़, दाड़लाघाट के ट्रक चालकों ने तय किया है कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक में 13.42 रुपये प्रति टन प्रति किलोमीटर से इतर कोई बात नहीं की जाएगी. वहीं, बरमाणा के ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि वे 12.04 रुपये प्रति टन प्रति किलोमीटर की मांग करेंगे.
बता दें कि ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि जब सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक मालभाड़ा बढ़ाकर 10.73 रुपये प्रति टन प्रति किलोमीटर कर सकता है तो अदानी समूह ऐसा क्यों नहीं कर सकता.