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मदनी के समर्थन में आए स्वामी बोले- देश में सबसे पहले बौद्ध और उसके बाद ईसाई, फिर इस्लाम धर्म आया

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वाराणसी /लखनऊ – समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य  ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ महमूद मदनी  के समर्थन में बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मार्य ने मदनी के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि देश में सबसे पहले बौद्ध धर्म आया और उसके बाद ईसाई धर्म तथा फिर इस्लाम धर्म आया और फिर बाकी धर्म पैदा हुए।आपको बता दें कि मदनी ने कहा था कि भारत ही इस्लाम की जन्मस्थली है।

बौद्ध को बताया सबसे पुराना धर्म

मीडिया से बात करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘जो सबसे पुराना धर्म है वही सनातन धर्म है। जो ऐतिहासिक साक्ष्य अब तक आए हैं, ईसा से 250 साल पहले भगवान बुद्ध का धर्म आया, उसके बाद ईसाई धर्म आया, ईस्लाम धर्म आया तथा उसके बाद तमाम धर्म और पंथ पैदा होते गए।’ इससे पहले शुक्रवार को भारत के ‘इस्लाम की जन्मस्थली’ होने का दावा करते हुए प्रतिष्ठित मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम समूह) के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने शनिवार को कहा कि अल्लाह के पहले पैगम्बर का जन्म यहीं हुआ था और यह ‘मुसलमानों का पहला वतन’ है।

आज जमीयत की बैठक का आखिरी दिन

मदनी ने कहा कि अल्पसंख्यकों का आरएसएस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा बहुसंख्यकों से कोई धार्मिक या नस्ली द्वेष नहीं है। उन्होंने देश को महाशक्ति बनाने के लिए संघ प्रमुख भागवत को आपसी बैर और दुश्मनीको भुलाकर एक-दूसरे से ‘गले मिलने’का न्योता दिया। आपको बता दें कि जमीयत उलेमा -ए-हिंद की दिल्ली में हो रही बैठक का आखिरी दिन है। खबर है कि जमीयत की इस बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ प्रस्ताव पास किया जा सकता है। इस बिल को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। जमीयत की तरफ से सवाल पूछा गया है कि आखिर सरकार इस बिल को लाना ही क्यों चाहती है।

स्वामी प्रसाद मौर्य का कड़ा विरोध, फेंकी स्याही और दिखाए काले झंडे; प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा बलों ने खदेड़ा
वाराणसी में समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या का विरोध हुआ है। वाराणसी से सोनभद्र जाते समय यह विरोध हुआ है। स्वामी प्रसाद मौर्य की गाड़ी पर स्याही और काले कपड़े फेंकी गई है। हिंदूवादी संगठन से जुड़े हुए लोगों ने विरोध किया है। मौके पर मौजूद सुरक्षाबलों ने लोगों को खदेड़ दिया है। वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र के टेंगरा मोड़ का मामला है।
सपा MLC स्वामी प्रसाद मौर्य का आज दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पर गए हुए हैं। वाराणसी पहुंचे स्वामी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि मैं मानस की कुछ चौपाइयों का विरोध करता हूं पूरी मानस का विरोध नहीं। उन्होने कहा कि मैं हिन्दू हूं मेरे सभी सर्टिफ़िकेट में हिन्दू है।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि अभी तक जो ऐतिहासिक साक्ष्य आए हैं, सबसे पहले भगवान बुद्ध का बौद्ध धर्म आया, उसके बाद ईसाई धर्म उसके बाद इस्लाम धर्म आया, इसके बाद ही तमाम धर्म और पंथ पैदा हुए। मौलाना महमूद मदनी के बयान का समर्थन किया है।
उन्होने बीजेपी पर हमला बोलेते हुए कहा कि गरीब नौजवान किसान की महंगाई से कमर टूट गई। लघु,मध्यम वर्ग के व्यापारी से धन उगाही हो रही। लखनऊ के नाम बदलने पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लखनऊ की संस्कृति हमारे देश की पहचान है, आज बीजेपी के नेता नाम क्यों बदल रहे हैं।
सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या का वाराणसी में विरोध भी हुआ है। सोनभद्र जाते समय स्वामी प्रसाद का विरोध हुआ है। स्वामी प्रसाद मौर्या की गाड़ी पर फेंकी गई स्याही और काले कपड़े फेंके कर विरोध दर्ज कराया गया है। मौके पर मौजूद सुरक्षाबलों ने लोगों को खदेड़ दिया है। वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र के टेंगरा मोड़ का मामला है।