अंकारा – तुर्की में आज यानी सोमवार सुबह 7.8 तीव्रता का भूकंप आने से हाहाकार मच गया। भूकंप इतना खतरनाक था कि इसका असर सीरिया, लेबनान और इजराइल में भी महसूस किए गए। तुर्की में सबसे प्रभावित शहरो में राजधानी अंकारा, नूरदगी समेत 10 शहर रहे। अधिकारियों के मुताबिक तुर्की में अब तक 76 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 500 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 90 लोग मारे गए हैं। 200 से ज्यादा घायल हुए हैं।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई इमारतों को नुकसान पहुंचने की खबरें आई हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजा गया। हमें उम्मीद है कि हम इस आपदा को एक साथ जल्द से जल्द और कम से कम नुकसान के साथ पार कर लेंगे।
तुर्की में दोबारा भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस बार रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.5 मापी गई। भूकंप के झटके भारतीय समयानुसार तीन बजकर 54 मिनट पर महसूस किए गए। इसका केंद्र अंकारा से 427 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किमी. अंदर था।
इससे पहले सुबह छह बजकर 58 मिनट पर आए भूकंप के झटकों से तुर्की, सीरिया में 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों इमारतें जमीदोज हो गईं और हजारों लो घायल हुए हैं। ऐसे में कुछ ही घंटों बाद आए इस दूसरे तेज झटके ने सरकार और प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्की भेजा जाएगा। राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं।