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अवॉर्ड वापसी: सम्मान लौटाने कांग्रेस भवन पहुंचे ‘अन्नदाता’, न्याय नहीं मिलने से नाराज हैं किसान

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रायपुर – छ्त्तीसगढ़ के नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति ने भूपेश बघेल सरकार पर वादाखिलाफी का बड़ा आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है। नया रायपुर भूमि अधिग्रहण पर किसानों को न्याय नहीं मिलने से वे काफी आक्रोशित हैं। इससे बेहद खफा होकर समिति के अध्यक्ष रूपनलाल चंद्राकर किसान सम्मान लौटाने आज सोमवार को राजीव भवन पहुंचे। सभी किसान शंकर नगर स्थित राजीव भवन पहुंचे। जिला कांग्रेस की ओर से दिया गया सम्मान वापस लेने के लिए कांग्रेस जनप्रतिनिधियों से सम्मान अपील की।

रूपनलाल चंद्राकर ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कांग्रेस की सरकार है। जिन्होंने अपने हाथों से मुझे सम्मानित किया था, आज वो राज्य के मुख्यमंत्री हैं। आरोप लगाया कि सीएम किसान आंदोलन का किसी प्रकार से समाधान नहीं कर रहे हैं। प्रभावित किसानों को न्याय देने में भूपेश सरकार असफल है। नया रायपुर के किसान भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास, व्यवस्थापन और मुआवजा आदि मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

समिति के अध्यक्ष ने कांग्रेस पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है। इससे वो आहत और दुखी होकर ससम्मानपूर्वक अवॉर्ड लौटाने की घोषणा की है। इतना ही नहीं समिति ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर रणनीति भी तैयार कर ली है, जो आने वाले दिनों में दोनों सरकारों के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। उन्हें यह सम्मान रायपुर शहर एवं जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने साल 2015 में प्रदान किया था।

पं. श्यामाचरण शुक्ल की जयंती पर मिला था सम्मान
अमर उजाला से फोन पर हुई बातचीत में  किसान नेता रूपन चंद्राकर ने कांग्रेस की ओर से दिए गए कृषक सम्मान को वापस करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और हरित क्रांति के उन्नायक पंडित श्यामाचरण शुक्ला की जयंती पर रायपुर जिला कांग्रेस की ओर से दिया गया था। उस समय सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष थे। उन्होंने ही उन्हें यह सम्मान दिया था।

उदासीनता का लगाया आरोप
उन्होंने कहा कि किसानों के भूमि अधिग्रहण मामले में न्याय नहीं करने पर उन्हें यह सम्मान वापस करने आया हूं। जब कांग्रेस सरकार में नहीं थी, तो वो हमारे आंदोलन के साथ खड़ी थी। टीएस सिंहदेव ने भी आश्वासन दिया था। कांग्रेस के सभी नेताओं को यह बात अच्छी तरह से पता है, लेकिन सरकार में आने के बाद कांग्रेस किसानों से किए वादा को भूल गई है। ऐसे में यह सम्मान रखना उचित नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम उनका फोन नहीं उठा रहे हैं। सवाल उठाते हुए कहा कि क्या किसानों का फोन नहीं उठाना सही है। कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है।

जानें, नाराजगी की वजह
उन्होंने कहा कि सीएम भूपेश को अगर किसानों की फिक्र है और उनका सम्मान किया है, तो इतने सालों से किसान आंदोलनरत हैं, उनकी समस्या का समाधान कब करेंगे। आरोप लगाया कि सीएम किसानों से चर्चा कर मामले को सुलझाना ही नहीं चाहते हैं। नवा रायपुर परियोजना से प्रभावित किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सरकार वास्तविक कब्जा के आधार पर आवासीय पट्टा, चार गुना मुआवजा और पुनर्वास नीति का पालन करने का आश्वासन दे रही है पर उस पर अमल नहीं कर रही है।

राहुल गांधी तक लगा चुके हैं गुहार
किसान नेता रूपन चंद्राकर ने कहा कि पिछले दिनों भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनकी राहुल गांधी से मध्य प्रदेश के आगर-मालवा में मुलाकात हुई थी। वहां उन्हें सभी दस्तावेज, आंदोलन में शामिल कांग्रेस नेताओं के वादों की फुटेज और बयानों की प्रतियां भी सौंपी है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने भी हरियाणा में यात्रा के दौरान राहुल गांधी से मुलाकात यही बात उठाई थी।au